बदलता स्वरूप गोंडा। बुधवार की शाम यशमय वर्ल्ड स्कूल के ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि जिलाधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा तथा सम्मानित अतिथि मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती एम. अरुन्मौली ने दीप प्रज्ज्वलित किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम “धरोहर” थीम पर आधारित था। जिसका उद्देश्य हमारी संस्कृति की समृद्ध विरासत को महत्त्व देना, बच्चों को उससे अवगत करवाना और उसे संरक्षित करना था। कार्यक्रम की शुरुआत छात्र-छात्राओं द्वारा ऑर्केस्ट्रा की मधुर धुन से की गई।कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने भारत के विभिन्न राज्यों के लोक नृत्यों जिसमे कोलाट्टम, टिप्पनी, संबलपुरी, नेपाली तथा जोगवा की रंगारंग प्रस्तुति से जहाँ सभी को आनन्दित किया, वही पश्चिम बंगाल का रायबेंशे नृत्य भी हुआ। बच्चों द्वारा वाल्मिकी और महारथी कर्ण की नाटय रंगमंच प्रस्तुति भी सराहनीय थी। 90 के दशक में दूरदर्शन पर प्रसाररित होने वाला ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’ तथा ‘एक चिड़िया अनेक चिड़ियाँ’ गीतों द्वारा बच्चों ने एकता और अखंडता का सन्देश देने के साथ ही दर्शकों की उस समय की यादों को भी ताज़ा कर दिया। नन्हे-मुन्नों ने भी किसी से पीछे न रहते हुए अपने नृत्य तथा फैशन शो से सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया | अटल जी की कविता ‘मौत से ठन गई’ तथा दिनकर जी की ‘रश्मिरथी’ की प्रस्तुती भी शानदार थी । प्रधानाध्यापिका द्वारा स्कूल रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। मुख्य अतिथि जिलाधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा ने सभा को संबोधित करते हुए बच्चों का उत्साहवर्धन किया तथा उनकी प्रस्तुति की सराहना भी की। कार्यक्रम के अंत मे मयस्कर देव सिंह ने सभी मेहमानों, अभिभावकों, अध्यापकों, प्रतिभागियों तथा सहायक कर्मियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में निर्देशिका नम्रता सिंह,एस सी पी एम कालेज की निर्देशिका अलका पांडेय सहित अन्य लोग मौजूद रही।
