षड़यंत्रकारी पति जिन्दा गुजरात से बरामद
बदलता स्वरूप गोंडा। थाना को0 देहात पुलिस द्वारा मु0अ0सं0-263/23, धारा 323,504,506,452,364,302 भादवि से सम्बन्धित घटना का सफल अनावरण करते हुए षड्यंत्र के तहत पति की हत्या की झूठी सूचना देने वाली महिला के ‘जीवित‘ पति को गुजरात राज्य के मुन्द्रा थाना मरीन जनपद कच्छ से बरामद कर लिया गया। वादिनी श्रीमती गुड़िया पत्नी रामकरन निवासिनी बेसिया चैन थाना को० देहात जनपद गोण्डा का अपने ससुर ननके व देवरों अर्जुन, श्याम व आज्ञाराम के मध्य जमीनी विवाद था। महिला द्वारा धारा 156(3) सीआरपीसी के तहत न्यायालय के समझ झूठा प्रार्थना पत्र पेश करते हुए अपने ससुरालीजनों पर अपने पति रामकरन की हत्या कर गायब करने का आरोप लगाया। जिसके क्रम में न्यायालय के आदेश के क्रम में दिनांक 05.06.2023 को थाना को0 देहात में मु0अ0सं0-263/23, धारा 323,504,506,452,364,302 भादवि का अभियोग पंजीकृत हुआ था। घटना को अत्यन्त गंभीरता से लेते हुए घटना के शीघ्र अनावरण हेतु कुल 03 टीमों का गठन किया गया तथा उनके सहयोग में सर्विलांस टीम को भी लगाया गया। पुलिस द्वारा घटना का सफल अनावरण करते हुए षड्यंत्र के तहत पति की मृत्यु की झूठी सूचना देने वाली महिला के पति को जीवित गुजरात राज्य के मुन्द्रा थाना मरीन जनपद कच्छ से बरामद कर लिया गया तथा न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। न्यायालय को गुमराह करके झूठी सूचना पर मुकदमा पंजीकृत कराने के कारण वादिनी मुकदमा गुड़िया देवी व उसके अपहृत/मृतक पति रामकरन के विरूद्ध कार्यवाही हेतु थाना कोतवाली देहात पुलिस द्वारा न्यायालय में धारा 194/182 सी0आर0पी0सी0 के तहत रिपोर्ट प्रेषित करते हुए आवश्यक विधिक कार्यवाही की गयी। पूछताछ के दौरान ज्ञात हुआ कि महिला गुड़िया व उसके पति का जमीन सम्बन्धी विवाद उसके पिता ननके व भाईयों श्यामलाल, आज्ञाराम और अर्जुन से चल रहा है। रामकरन व उसकी पत्नी गुड़िया को उसके परिजनों द्वारा रहने के लिये मकान व खेती बारी में हिस्सा नही मिला और परिजन इसी बात कर दोनों का अपने पिता व भाइयों से झगड़ा होता था । इन समस्याओं से व्यथित होकर राम करन व उसकी पत्नी गुड़िया ने गम्भीर साजिश के तहत रामकरन घर से निकलकर गुजरात चला गया और वही पर प्राइवेट फैक्ट्री में काम करने लगा था और षड्यंत्र के तहत न्यायालय को भ्रमित कर न्यायालय के आदेश के क्रम में थाना को0 देहात में मु0अ0सं0-263/23, धारा 323,504,506,452,364,302 भादवि का अभियोग पंजीकृत कराया गया था।