हमारी धर्म संस्कृति की पहचान कराने वाले ग्रंथ को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करें सरकार – शरद पाठक बाबा

शरद पाठक बाबा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखा पत्र

अयोध्या l विश्व गुरु कहे जाने वाले भारत में सनातन संस्कृति को धरोहर के रूप में मानता है जिसका मुख्य आधार श्रीमद भगवत गीता राम चरित मानस व रामायण के साथ-साथ चारों वेद 18 पुराण हैं l जिसमें हिंदू धर्म संस्कृति के बारे में विस्तृत वर्णन है l उक्त बातें राष्ट्रीय मित्र मंच के अध्यक्ष शरद पाठक बाबा ने कही l उन्होंने विश्व के करोड़ों सनातनी हिंदुओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए रामायण, श्री रामचरित मानस और श्रीमद भागवत गीता को राष्ट्रीय ग्रन्थ घोषित किया जाना चाहिए। यह बात मित्रमंच के राष्ट्रीय प्रमुख व वरिष्ठ भाजपा नेता शरद पाठक बाबा ने कही है। उन्होंने प्रधानमंत्री को इस आशय का मांग पत्र भेजा है।

उन्होंने बताया कि थाईलैण्ड जैसे देश में जहां सनातनी हिंदुओं की आबादी भारत से काफी कम है वहां इसे राष्ट्रीय ग्रन्थ घोषित किया गया है। भारत जैसे देश जिसे देवों की भूमि कहा गया है वहां राष्ट्रीय ग्रन्थ नहीं घोषित किया गया है जो शर्मसार करता है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजकर तीनों ग्रन्थों को राष्ट्रीय ग्रन्थ घोषित करने की मांग की है। श्री पाठक ने कहा कि उन्होंने मांग उठाई है कि जिस प्रकार से हमारे ग्रन्थों को अपमानित कर सनातन धर्म को निशाना बनाया जा रहा है उस पर भी रोक लगनी चाहिए। उन्होंने बताया कि उन्होंने राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री को भी पत्र की प्रतिलिपि भेज अपनी मांग उठाई है।