एनीमिया मुक्त भारत अभियान में प्रदेश में जिले को मिला प्रथम स्थान-जिलाधिकारी

सम्भव अभियान में प्रदेश में जिले को मिला दूसरा स्थान-जिलाधिकारी

बदलता स्वरूप श्रावस्ती। जिलाधिकारी कृतिका शर्मा ने बताया है कि भारत के आकांक्षी जनपदो में अन्य जनपदों की तुलना में श्रावस्ती जैसे छोटे जनपद ने एनीमिया मुक्त भारत अभियान में उत्तर-प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है, वही संभव अभियान में प्रदेश में द्वितीय स्थान प्राप्त किया है, जो जिले के लिए गर्व की बात है, श्रावस्ती भले ही हिमालय की गोद में मेनस्ट्रीम से कटा हुआ एक छोटा सा जनपद है जो हिमालय की तराई वाली ठंड तथा राप्ती की बलखाती बाढ़ से परेशान है। पिछले डेढ़ सालों में श्रावस्ती के सोशल सेक्टर में बहुत सी चीजें बदल गई है अब शिक्षा स्वास्थ्य एवं आईसीडीएस के बीच समन्वय स्थापित करके अप्रैल 2023 से सितम्बर 2023 तक एनीमिया मुक्त अभियान तथा जून 2023 से सितम्बर 2023 तक सैम बच्चों के प्रबन्धन अभियान चलाया गया था, एनीमिया मुक्त भारत अभियान में श्रावस्ती पूरे प्रदेश में 64.5 अंक लेकर प्रथम स्थान प्राप्त किया है। जबकि एनीमिया मुक्त भारत अभियान में उत्तर प्रदेश 46.0 अंक ही स्कोर कर पाया है, तथा माह सितंबर 2023 में सैम.मैम बच्चों के पोषण प्रबंधन के संबंध में चार माह तक चलने वाले संभव अभियान में इस जनपद ने प्रदेश में द्वितीय स्थान प्राप्त किया है। पहली बार में इस पांच ब्लॉक वाले जनपद ने 20-20 ब्लाक वाले जनपदों से प्रतिस्पर्धा करके प्रथम एवं द्वितीय स्थान प्राप्त किया है। जो मुख्य विकास अधिकारी अनुभव सिंह के द्वारा निरंतर मनीटिरिंग के द्वारा ही बेहतर ढंग से कार्य करवाने पर ही सम्भव हो पाया है।

जिलाधिकारी ने बताया है कि श्रावस्ती के साथ-साथ अमरोहा, चित्रकूट, सभंल, वाराणसी, बलरामपुर, कानपुर देहात, पीलीभीत तथा बागपत ने भी 60 से ज्यादा अंक प्राप्त किया। इसके लिए स्वास्थ्य तथा शिक्षा तथा आईसीडीएस के बीच समन्वय स्थापित करने का बीड़ा यहां के उच्च अधिकारियों ने ले रखा है। बात चाहे 6 माह से 59 महीने के बच्चों को आयरन सिरप पिलाने की बात हो या 10 से 19 साल की किशोरियों,गर्भवती तथा धात्रियों को आयरन की गोलियां खिलाने की बात हो इस आकांक्षी जनपद ने अपने ढंग से अभियान का संचालन किया है जिसमें स्कूल के शिक्षक, स्वास्थ्य तथा आईसीडीएस के फील्ड कार्यकर्ताओं को आयरन तथा फोलिक एसिड की गोलियां वितरण के लिए दी गई । कार्यक्रम का प्रचार प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, इण्टर कॉलेज पर की गई है। प्रत्येक संस्था में नोडल अधिकारी का चयन कर लिया है, जिसकी सूची प्रत्येक विद्यालय द्वारा आरकेएस के जिला सलाहकार को उपलब्ध करा दी गई है, आइएफए टैबलेट को हर स्कूल और आंगनबाड़ी केन्द्रों में पूरक बनाया जा रहा है। प्रत्येक सोमवार को ‘‘आयरन डे‘‘ मनाया जाता है, और जो बच्चा सोमवार को नहीं आ पाता है, उसे अगले दिन आईएफए की गोली खिलायी जाती है, रजिस्टर प्रत्येक स्कूल और आंगनबाड़ी में उपलब्ध है और सभी रिकॉर्ड रजिस्टर पर रखे जा रहे हैं, मासिक रिपोर्ट स्कूल और आंगनबाड़ी द्वारा रिपोटिंग फार्मेट में दी जाती है। आईएफए टैबलैट हर स्कूल और आंगनबाड़ी केन्द्र पर उपलब्ध हो गया है, स्टॉक खत्म होने पर नोडल टीचर द्वारा इसे फिर से इंडेंट करना पड़ता है। जिसकी आपूर्ति स्वास्थ्य विभाग द्वारा कर दी जाती है। वीएचएसएनडी सत्र शुरू हो गए हैं और एएनएम ने सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक सत्र पर बैठना शुरू कर दिया हैं। हर सत्र पर प्रचुर मात्रा में आईएफए टैबलैट/सिरप उपलब्ध है। 100 प्रतिशत सत्रों में आशा एवं आंगनबाड़ी की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। स्वस्थ्य विभाग, और आई0सी0डी0एस0 विभाग के पर्यवेक्षकों द्वारा वीएचएसएनडी सत्रों की निगरानी की जा रही है। वीएचएसएनडी सत्र पर गर्भवती महिलाओें की 4 तरह की एएनसी जांच की जाती है और उन्हें आयरन और कैल्शियम प्रचुर मात्रा में मिल रहा है। प्रत्येक ब्लॉक पर एएनएम की बैठक आयोजित की जा रही है और एमओआईसी/बीपीएम/एमसीटीएस द्वारा एएनएम के दस्तावेजोें का सत्यापन किया जा रहा है। इस प्रगति में सहयोगी संस्था यूनिसेफ विक्रम शिला टी0एस0यू0 एवं अन्य का सहयोग सराहनीय रहा है, जोकि स्वास्थ्य एवं बाल विकास में जुडे वर्कर्स का समय-समय पर क्षमता वर्धन एवं तकनीकी सहयोग प्रदान करते रहे हैं। सोमवार को प्रत्येक विद्यालय में बालक बालिकाओं को आयरन एवं फोलिक एसिड की गोलियां खिलाई जाती है तथा प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र पर सोमवार को किशोरियों को आयरन एवं फोलिक एसिड की गोलियां खिलाई जाती है। बुधवार एवं शनिवार को आयोजित होने वाली वीएचएसएनडी सत्र पर समस्त गर्भवती एवं धात्रियों को आयरन तथा फोलिक एसिड की गोली वितरित की जाती है। जनपद स्तरीय अधिकारी तथा सहयोगी संस्थाओं द्वारा सत्यापन/निगरानी कराया जाता है। प्राथमिक विद्यालयों पर तथा बीएचएसएनडी सेकेंडरी सत्र पर आयरन की गोलियां तथा सिरप पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहे हैं इसके लिए हर विद्यालय से डिमांड लिया जाता है तथा उनका समय पर आपूर्ति की जाती है प्रत्येक बीएचएसएनडी सत्र पर आपूर्ति की निगरानी की जाती है। विद्यालय के छात्रों तथा किशोरियों को प्रत्येक सोमवार एक साथ सबके सामने आयरन की गोली खिलाई जाती है, इसे एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है सामूहिक फोटोग्राफी की जाती है। मई 2022 में आयरन एवं फोलिक एसिड का कवरेज इस जनपद में मात्र 7 प्रतिशत पर था, जो आज की तारीख में 90 प्रतिशत के आसपास है।
जनपद श्रावस्ती ने प्रदेश के एनीमिया मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत प्रथम स्थान हासिल किया है, यह जनपद के लिए अत्यंत गर्व की बात है।

उन्हाने यह भी बताया कि इससे पूर्व जनपद में सैम तथा मैंम बच्चों के पोषण प्रबंधन में आईसीडीएस तथा स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से संभव अभियान चलाया गया था। जिसमें वी0एच0एस0एन0डी0 सत्र पर समस्त संभावित सेम बच्चों को लाया जाता था तथा ए0एन0एम0 के द्वारा उनका स्वास्थ्य जांच कराकर छह प्रकार की दवाएं उपलब्ध कराई गयी थी। समय-समय पर उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तथा वी एच एस एन डी सत्र पर बुलाकर उनका प्रतिमाह नियमित फॉलोअप किया गया। अधिकांश सैम बच्चे सामुदायिक सहयोग से स्वस्थ्य किये गयें। श्रावस्ती में 7335 बच्चो का चिन्हीकरण तथा फॉलोअप किया गया है। श्रावस्ती में कुल चिन्हित बच्चो के सापेक्ष 84 प्रतिशत बच्चों को 6 प्रकार की दवा एवं परामर्श उपलब्ध कराया गया है जो प्रदेश में सर्वाधिक था। लगातार फॉलोअप कराया गया, जिसके कारण पूरे अभियान के दौरान 4233 बच्चो को सैम से नार्मल कैटेगरी में लाया जा सका। इस अभियान में आई0सी0डी0एस0, तथा स्वास्थ्य विभाग के जनपद स्तरीय,ब्लाक स्तरीय तथा फील्ड स्तर के आंगनवाड़ी कार्यकत्री, मुख्य सेविकाओं, आशा, ए0एन0एम0, बी0पी0एम0, बी0सी0पी0एम0 तथा सहयोगी पार्टनर्स ने कन्धे से कन्धा मिलाकर कार्य किया, जिसके कारण पूरे प्रदेश में संभव अभियान में इस छोटे से जनपद ने द्वितीय स्थान प्राप्त करके समस्त जनपदों को चौंका दिया था। सोशल सेक्टर में की गई इस तरह की एकीकृत प्रयासों का रिजल्ट अब इस जनपद में दिखने लगा है।