जिला कारागार में लगाई गई विधिक साक्षरता शिविर

बदलता स्वरूप गोंडा। जनपद न्यायाधीश व अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा प्रमोद कुमार श्रीवास्तव-।। के निर्देश पर जिला कारागार गोण्डा में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन एवं कारागार का निरीक्षण जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा के सचिव नितिन श्रीवास्तव, अपर जिला जज/एफटीसी द्वारा किया गया। उक्त साक्षरता शिविर के दौरान जेलर शिव प्रताप मिश्रा द्वारा सचिव को अवगत कराया गया कि आज की तिथि में कुल 914 बन्दी कारागार में निरूद्ध हैं, जिसमें से सिद्धदोष बन्दी 185 विचाराधीन बन्दी 714 तथा अस्पताल में कुल 14 बन्दी भर्ती थे, जिनमें से सिद्धदोष बन्दी 02 व विचाराधीन बन्दी 12 हैं तथा 01 एन0एस0ए0 बन्दी है। सचिव द्वारा जेलर को आदेशित किया गया कि कारागार के सभी बन्दियों को ठण्ड से बचने के लिये पर्याप्त मात्रा में कम्बल उपलब्ध करायें। आज के विधिक साक्षरता शिविर में विभिन्न बैरकों के 70 दोषसिद्ध/विचाराधीन बन्दी उपस्थित थे। सचिव द्वारा विधिक साक्षरता शिविर में उपस्थित दोषसिद्ध/विचाराधीन बन्दियों को अवगत कराया गया कि जिन विचाराधीन बन्दियों की जमानत आज से पूर्व हो चुकी है किन्तु जमानत बन्ध पत्र दाखिल न होने के कारण उनकी रिहाई अभी तक नही हुई है, वह अतिशीघ्र न्यायालय में जमानत बन्ध पत्र दाखिल करावें तथा जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नही है, वे इस सन्दर्भ में कारागार में नियुक्त पीएलवी अथवा जेल के पैनल अधिवक्ता के माध्यम से एक प्रार्थना पत्र सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गोण्डा के नाम प्रेषित करावें। तत्पश्चात उनके रिहाई के सम्बन्ध में नियमानुसार विधिक कार्यवाही की जायेगी। सचिव द्वारा विधिक साक्षरता शिविर में उपस्थित दोषसिद्ध/विचाराधीन बन्दियों को अवगत कराया गया कि आप अपने-अपने बैरकों में निरूद्ध बन्दियों को उपरोक्त सूचनायें उपलब्ध करायें ताकि वे भी उक्त का लाभ उठा सकें। इसके अतिरिक्त आप लोगों के बैरकों में यदि कोई ऐसा बन्दी निरूद्ध हो, जिसके पास अधिवक्ता न हो, तो उसे उसके वाद की पैरवी हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराया जायेगा। उक्त साक्षरता शिविर में उपस्थित 03 पुरूष बन्दियों ने निःशुल्क अधिवक्ता के माध्यम से जमानत प्रार्थना प्रस्तुत करने के लिये कहा तथा 02 बन्दियों द्वारा अवगत कराया गया कि उनका मामला लखनऊ में चल रहा है, जिसके लिये उन्हें भी निःशुल्क सरकारी अधिवक्ता उपलब्ध करा दिया जाये। इस पर सचिव द्वारा जेल पराविधिक स्वयं सेवक को आदेशित किया गया कि वह उक्त बन्दियों से जमानत कराने हेतु तथा निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराने के बावत प्रार्थना पत्र लेकर उसे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा को प्रेषित करायें ताकि उक्त पर नियमानुसार कार्यवाही की जा सके। इसी दौरान सचिव द्वारा किशोर बैरक का गहनता से निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान जेलर द्वारा अवगत कराया गया कि वर्तमान में जिला कारागार गोण्डा में 39 किशोर बन्दी, किशोर बैरक में निरूद्ध हैं, जिसमें से 06 किषोर बन्दी नये आये हुये हैं। सचिव द्वारा समस्त किशोरों को एक लाइन में खड़ाकर यह देखा गया कि उनमें से ऐसा बन्दी तो नही है, जिसकी आयु प्रथम दृष्टया 18 वर्ष से कम की प्रतीत होती है। दौरान निरीक्षण 03 बन्दी ऐसे दिखे, उनसे उनकी जन्मतिथि की पूंछतांछ की गयी, तो उन्होंने बताया कि अपराध के समय वे 18 वर्ष से ऊपर की आयु के थे। सचिव द्वारा जेलर को आदेषित किया गया कि किशोर बैरक में कोई भी ऐसी बन्दी मिलता है, जिसकी आयु 18 वर्ष से कम है, तो उक्त की सूचना अविलम्ब जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गोण्डा को प्रेषित करायें। इसी दौरान सचिव द्वारा महिला बैरक में भी साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।

महिला बैरक में उक्त शिविर के दौरान महिला बैरक की प्रभारी श्रीमती रंजना शुक्ला नेे पूंछतांछ के दौरान बताया कि वर्तमान में 57 महिला बन्दी, 06 बच्चों के साथ महिला बैरक में निरूद्ध हैं। महिला बैरक प्रभारी द्वारा अवगत कराया गया कि 06 नई महिला बन्दी, महिला बैरक में आयी हुई हैं। इस पर सचिव द्वारा उनसे वार्तालाप की गयी तथा उन्हें अवगत कराया गया कि वे अपने वाद की पैरवी हेतु अधिवक्ता नियुक्त कर लें, यदि वे अपने वाद की पैरवी हेतु सरकारी अधिवक्ता चाहती हैं, तो उन्हें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गोण्डा द्वारा निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराया जायेगा। इस पर उक्त नई महिला बन्दियों ने बताया कि वे अपने परिजनों से पूंछकर आपको बतायेगीं। सचिव द्वारा महिला बैरक प्रभारी को आदेशित किया गया कि महिला बैरक में रह रहे बच्चों को पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री एवं गर्म कपड़े उपलब्ध करायें तथा यहां पर उचित मात्रा में अलाव जलाने की भी व्यवस्था करायी जाये। निरीक्षण के दौरान महिला बैरक में महिला बन्दियों के लिये कौशल विकास की तरफ से चलाये जा रहे सिलाई के प्रशिक्षण कार्यक्रम को भी देखा गया। महिला बन्दियों द्वारा बनाये गये वस्त्रों को भी देखा गया तथा जेलर को आदेशित किया गया कि महिला बन्दियों को सिलाई-कढाई हेतु उन्हें आवश्यक सामग्री उपलब्ध करायें। निरीक्षण के दौरान सचिव द्वारा पाकशाला का भी निरीक्षण किया गया। पाकशाला में सायंकालीन भोजन की तैयारियां की जा रही थी। सायंकालीन भोजन बना रहे 01-02 बन्दियों को बुलाया गया तथा उनके हाथों के नाखून को देखा गया गया, दोनों बन्दियों के नाखून कटे हुये थे तथा पाकशाला में खाना बना रहे समस्त बन्दी हेयर कैप लगाये हुये थे। पाकशाला में बन रहे सायंकालीन भोजन को देखा गया। आज के सायंकालीन भोजन में चावल बन चुका था, जबकि रोटियां, दाल मसूर एवं आलू पत्तागोभी तथा गाजर की सब्जी बन रही थी। सचिव द्वारा जेलर को आदेशित किया गया कि सभी बन्दियों को निधारित मात्रा में भोजन एवं सब्जियां उपलब्ध करायें।

इसके उपरान्त सचिव द्वारा जिला कारागार के अस्पताल का निरीक्षण किया गया। जिला कारागार के अस्पताल के निरीक्षण के दौरान जिला कारागार के अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ ले रहे 14 बन्दियों से मुलाकात की गयी तथा उनका हाल-चाल पूंछा गया। आज के विधिक साक्षरता शिविर एवं निरीक्षण के दौरान महिला बैरक प्रभारी श्रीमती रंजना शुक्ला, अन्य बन्दी रक्षक तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा के लिपिक सन्दीप कुमार राही व ए0डी0आर0 के कनिष्ठ लिपिक अंकित वर्मा व कन्हैया लाल तिवारी उपस्थित रहे।