बदलता स्वरूप गोण्डा। वृद्ध आश्रम में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन तथा वृद्धाश्रम का निरीक्षण जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा के सचिव नितिन श्रीवास्तव अपर जिला जज/एफटीसी की अध्यक्षता में किया गया। इस अवसर पर वृद्ध आश्रम के अधीक्षक राजेश कुमार श्रीवास्तव द्वारा सचिव को जानकारी देते हुए बताया गया कि इस समय वृद्धाश्रम में कुल 104 वृद्धजन रजिस्टर्ड हैं, जिनमें से 70 पुरूष तथा 31 महिलायें हैं। वृद्धाश्रम में कुल 87 वृद्धजन उपस्थित हैं, जिनमें से 57 पुरूष एवं 30 महिलायें हैं तथा 17 वृद्धजन में से कुछ वृद्धजन, वृद्ध आश्रम के बाहर व्यक्तिगत कार्य से अथवा अपने रिष्तेदारों के यहां गये हुये हैं। विधिक साक्षरता शिविर में सचिव द्वारा उत्तराधिकार एवं भरण पोषण अधिनियम की जानकारी देते हुए यह बताया गया कि उत्तराधिकार एवं भरण पोषण अधिनियम, 1956 की धारा 20, वृद्धजनों को अपने बच्चों से भरण-पोषण प्राप्त करने का प्रावधान करती है। धारा 23 में न्यायालय के द्वारा भरण पोषण की धनराशि निर्धारित करने के सम्बन्ध में उपबन्ध दिये गये हैं। वर्तमान में न केवल पुत्र बल्कि पुत्रियों पर भी अपने माता-पिता के भरण-पोषण का दायित्व दिया गया है। यहां तक कि न केवल नैसर्गिक माता-पिता बल्कि दत्तक माता-पिता भी भरण-पोषण प्राप्त कर सकते हैं। उनके द्वारा आगे यह भी बताया गया कि जो वृद्ध अपने उत्तराधिकारी या रिश्तेदार को उपहार स्वरूप या फिर उनका हक मानते हुए अपनी सम्पत्ति उन्हें अन्तरित कर देते हैं तत्पष्चात उन्हें भरण पोषण एवं स्वास्थ्य सम्बन्धी आवश्यकताओं की प्राप्ति नहीं होती है, तो वह विधिनुसार अपनी सम्पत्ति वापस प्राप्त कर सकते हैं और सम्पत्ति का अन्तरण रद्द करवा सकते हैं। विधिक साक्षरता शिविर के दौरान सचिव द्वारा वृद्धजनों को बतलाया गया कि केन्द्र सरकार/राज्य सरकार द्वारा वृद्धजनों के लिये वृद्धावस्था पेंशन की व्यवस्था की गयी है तथा वृद्धजन उक्त पेंशन को प्राप्त करने के अधिकारी हैं।
इस दौरान कुछ वृद्धजनों द्वारा अवगत कराया गया कि उन्हें मार्च 2023 के पश्चात से अभी तक कोई पेंशन नही मिली है, जिस पर सचिव द्वारा अधीक्षक वृद्धाश्रम से इस बावत की जानकारी ली गयी। अधीक्षक वृद्ध आश्रम द्वारा सचिव को अवगत कराया गया कि लगभग 04 महीनों से अभी तक पेंशन नही आयी है। सचिव द्वारा अधीक्षक वृद्धाश्रम को आदेशित किया गया कि वृद्धजनों के पेंशन के बावत जिला समाज कल्याण अधिकारी गोण्डा से पत्राचार करें तथा जिन वृद्धजनों की पेंशन नही बंधी है, उनके पेंशन बनवाने के बावत आवश्यक कार्यवाही करें। सचिव द्वारा वृद्धजनों से उनके स्वास्थ्य के सम्बन्ध में पूंछतांछ की गयी, जिस पर वृद्धजनों द्वारा बताया गया कि प्रत्येक माह डाक्टर स्वास्थ्य परीक्षण हेतु आते रहते हैं। सचिव द्वारा अधीक्षक को निर्देशित किया गया कि यदि किसी वृद्धजन को कोई स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या होती है तो शीघ्र ही उसे जिला अस्पताल के डाक्टर को दिखावेें। साथ ही साथ सर्द मौसम के दृष्टिगत अलाव की भी समुचित व्यवस्था करायें। सचिव द्वारा वृद्धजनों से खान-पान के बावत पूंछतांछ की गयी, जिस पर वृद्धजनों द्वारा बताया गया कि उन्हें आज सुबह नाश्ते में चाय पूड़ी व नमकीन तथा खाने में दाल-चावल, रोटी व आलू गोभी की सब्जी मिली है।
निरीक्षण के दौरान वृद्धजनों के रहने के 02 कमरों एवं बड़े हाल में काफी गन्दगी पायी गयी, जिसके शीघ्र साफ-सफाई कराये जाने हेतु सचिव द्वारा अधीक्षक वृद्ध आश्रम को आदेषित किया गया। निरीक्षण के दौरान देखा गया कि वृद्ध आश्रम में बने पानी के स्थान पर तथा यूरिनल की जगह साफ-सफाई नही थी, जिसकी सफाई के लिये अधीक्षक को आदेशित किया गया तथा वृद्ध आश्रम में रह रहे वृद्धजन की संख्या को देखते हुये एक-दो यूरिनल की अतिरिक्त व्यवस्था कराने हेतु आदेशित किया गया। वृद्ध आश्रम में बनी सभी नालियां खुली थीं, जिसके बावत अधीक्षक को आदेशित किया गया कि वे अतिशीघ्र सभी खुली नालियों को बन्द नालियों में परिवर्तित करायें। इस अवसर पर वृद्ध आश्रम के कर्मचारीगण तथा ए0डी0आर0 के कनिष्ठ लिपिक कन्हैया लाल तिवारी व अंकित वर्मा उपस्थित रहे।
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