गोण्डा। आज मंगलवार को विकास भवन सभागार में उत्तर प्रदेश राज्य जैव ऊर्जा नीति 2022 के अंतर्गत एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में उप कृषि निदेशक प्रेम कुमार ठाकुर, जिला कृषि अधिकारी जगदीश प्रसाद, उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी शिव शंकर चौधरी, डिप्टी आरएमओ सुश्री प्रज्ञा मिश्रा, वरिष्ठ परियोजना अधिकारी यूपी नेडा सुरेंद्र कुमार सहित जनपद के कृषक उत्पादक संगठनों के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया। उप कृषि निदेशक प्रेम कुमार ठाकुर ने एफपीओ के प्रतिनिधियों को जैव ऊर्जा नीति 2022 में निहित प्रावधानों के विषय में अवगत कराते हुए नीति के अंतर्गत उद्यमियों तथा एग्रीगेटर्स को सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही रियायतों के विषय में जानकारी दी। वरिष्ठ परियोजना अधिकारी यूपी नेडा सुरेंद्र कुमार ने जैव ऊर्जा नीति के तहत ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया के विषय में जानकारी दी। जिला कृषि अधिकारी जगदीश प्रसाद ने कृषकों को बताया कि जैव ऊर्जा संयंत्रों के उप उत्पाद के रूप में निकलने वाले जैविक खाद को कृषि विभाग से लाइसेंस प्राप्त खाद विक्रेताओं को बेचना अनिवार्य किया गया है।
डिप्टी आरएमओ सुश्री प्रज्ञा मिश्रा ने गेहूं क्रय के विषय में विभाग द्वारा बनाई जा रही रणनीति के विषय में चर्चा की। उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी एस एस चौधरी ने एफपीओ प्रतिनिधियों का आह्वान किया कि वे कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण हेतु उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं का लाभ उठाएं। कृषि विभाग से वरिष्ठ प्राविधिक सहायक आरपीएन सिंह ने सभी एफपीओ प्रतिनिधियों को जैव ऊर्जा नीति 2022 में निहित प्रावधानों के विषय में विस्तार से अवगत कराते हुए सरकार द्वारा घोषित अन्य नीतियों यथा दुग्धशाला विकास नीति, उत्तर प्रदेश कृषि निर्यात नीति, कृषि अवस्थापना निधि तथा उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण नीति 2023 में निहित प्रावधानों के विषय में विस्तार से बताया तथा उन्हें इसका लाभ लेने के लिए प्रेरित किया।
अंत में सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कार्यशाला के समापन की घोषणा की गई।