गोण्डा। बच्चों में जन्मजात कटे होंठ और तालू की विकृतियों का यदि समय से पहचान कर उनका इलाज हो जाए, तो ये विकृतियां दूर हो सकती हैं। ऐसे बच्चों का चिन्हांकन कर उनका इलाज करने के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के अंतर्गत हेल्थ सिटी हॉस्पिटल, लखनऊ की ओर से जिले में पंजीकरण अभियान चलाया गया। स्माइल ट्रेन प्रोजेक्ट के तहत यह पंजीकरण अभियान 22 से 27 मार्च तक जनपद के साथ-साथ तहसील स्तर पर भी किया गया। अभियान में आरबीएसके की टीम, मोबाइल हेल्थ टीम, आशा / आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, ग्राम-प्रधान, शिक्षा विभाग एवं हेल्थ सिटी हॉस्पिटल लखनऊ की टीम के प्रयास से कुल 67 बच्चों का पंजीकरण किया गया। उक्त जानकारी मंगलवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रश्मि वर्मा ने दी। उन्होंने बताया कि पंजीकृत बच्चों का ऑपरेशन एवं सम्पूर्ण इलाज लखनऊ स्थित हेल्थ सिटी ट्रामा सेंटर एवं सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के प्लास्टिक माइक्रोवस्कुलर कॉस्मेटिक एवं क्रेनियोफेशियल सर्जरी विभाग में बिना किसी शुल्क के किया जाएगा।
एसीएमओ / आरबीएसके के नोडल अधिकारी डॉ एपी सिंह ने बताया कि कटे होंठ व कटे तालू की जन्मजात समस्या लगभग 3000 जीवित शिशुओं में से एक को हो सकती है। यह होंठ के दोनों तरफ या एक ही तरफ संभव है। सामान्यतः होठ के साथ तालू भी कटा होता है, किन्तु कभी-कभी केवल तालू के कटे होने की भी सम्भावना होती है। इसके लिए ब्लॉक स्तर पर मोबाइल हेल्थ टीम (आरबीएसके) का गठन किया गया है, जिनके माध्यम से स्कूलों/आंगनबाड़ी केंद्रों पर स्वास्थ्य परीक्षण कर ऐसे बच्चों को चिन्हित किया जाता है व उन्हें मुफ्त में उपचार दिलाया जाता है। जन्मजात विकृतियों वाले बच्चों का इलाज कर उनके चेहरे पर मुस्कान लौटाने और आत्मविश्वास जगाने में स्माइल ट्रेन प्रोजेक्ट के निदेशक डॉ वैभव खन्ना और डॉ आदर्श कुमार, हेल्थ सिटी ट्रामा सेंटर एवं सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल अहम् भूमिका निभा रहे हैं। एसीएमओ डॉ एपी सिंह ने बताया कि फोलिक एसिड को गर्भावस्था का ‘सुपरहीरा’ कहा जाता है। यह विटामिन-बी का एक प्रकार है, जो हरी-पत्तेदार सब्जियों, अनाज एवं दाल में पाया जाता है। फोलिक एसिड पेट में पल रहे शिशु में स्पाइना बिफिडा जैसे तंत्रिका ट्यूब दोष को विकसित होने से बचाने के साथ अन्य जन्मजात विकृतियों जैसे- खंड तालु (क्लैफ्ट पैलेट) आदि को भी रोकने में मदद करता है। स्वास्थ्य केन्द्रों पर व वीएचएसएनडी सत्रों पर एएनएम द्वारा प्रसव पूर्व जांच के दौरान गर्भवती को आयरन फोलिक एसिड गोली दी जाती है। डीईआईसी मैनेजर उमा शंकर वर्मा ने बताया कि 22 मार्च को सीएचसी मनकापुर में आयोजित शिविर में 19, 23 मार्च को तरबगंज में 15, 24 मार्च को कर्नलगंज में 11 बच्चों का तथा 25, 26 एवं 27 मार्च को कोविड अस्पताल में आयोजित शिविर में 22 बच्चों का पंजीकरण कर अभियान में कुल 67 बच्चों का पंजीकरण किया गया |
इन सभी बच्चों का सम्पूर्ण इलाज बिना किसी शुल्क के होगा। किसी कारणवश अभियान में पंजीकरण कराने से वंचित रह लोग डीईआईसी मैनेजर के मोबाइल नंबर 9415533385 या स्माइल ट्रेन संस्था के प्रतिनिधि नीरज कुमार शर्मा के मोबाइल नंबर 9454159999 या 9565437056 पर अथवा सीएमओ कार्यालय के कमरा नंबर 25 में संपर्क कर सकते हैं ।