जेही दिन राम जनम लीन्हे नौबत बाजे।

महेन्द्र कुमार उपाध्याय
बदलता स्वरूप अयोध्या। रामोत्तसव तुलसी उद्यान मंच पर मंगलवार को प्रथम कार्यक्रम की प्रस्तुति असम के विपिन सैकिया की भक्ति मूलक गायन से हुई जिसे देख दर्शको भाव विभोर हो गये दुसरी प्रस्तुति फतेहपुर के छोटे लाल की आल्हा गायन प्रस्तुति रही इसके बाद
लखनऊ के आकृति मिश्रा की बधावा नृत्य की प्रस्तुति रही जिसमे गणेश वंदना….बोलो राम राम… हर हर महादेव….नृत्य प्रस्तुत करी जिसे दर्शक देख खूब ताली बजाई और झूम उठे इसके बाद लखनऊ की अंजली खन्ना की लोक गायन सोहर गीत.. राम सीता के.. बधावा गीत.. जेही दिन राम जनम लीन्हे.. विवाह गीत झुक जइयो तनिक रघुवीर मोरी गोरी गोरी बईया की की प्रस्तुति बहुत ही मनमोहक रही इसके बाद सुश्री सरिता बनोला उत्तराखण्ड चौपला घसियारी नृत्य जिसे माघ महीने में गए जाते हैं इस गायन की शुरुआत बसंत पंचमी से होती है और महाशिवरात्रि तक चलती है जब बेटियां अपने मायके आती हैं तब सब मिलकर इस गायक को गाती है और नृत्य करती है यह नृत्य लोक साहित्य एवं पारंपरिक है घसियारी नृत्य मे घास की कटाई खेती को दर्शाती है इस उत्तराखंड के नृत्य को देख सभी दर्शको ने बहुत पसंद किया इसके बाद गुजरात के लीलाभाई परबाबाई आरबाचीन गरबा नृत्य जो देवी की शक्ति के प्रतीक है कि प्रस्तुति बहुत जोरदार रही इसके बाद महाराष्ट्र के छबीलदास गौली सांगी मुखौटे नृत्य को देख दर्शक झूम उठे । यह समस्त जानकारी मंच की कोऑर्डिनेटर दीपा सिंह रघुवंशी ने दी।