महेन्द्र कुमार उपाध्याय
बदलता स्वरूप अयोध्या। तुलसी उद्यान मंच पर रामोत्सव कार्यक्रम श्रृंखला के अंतर्गत संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार,संस्कृत विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा लगातार एकहत्तर दिन तक चलने वाले कार्यक्रम के अंतर्गत एकसठवा दिन गुरुवार को प्रदेश से आए कलाकारों ने विभिन्न गायन व नृत्य की प्रस्तुत दी। नागालैंड के कमल अचरजी एवं दल द्वारा लोक गायन व नृत्य की प्रस्तुति “अच्युतम केशवम श्री राम नारायणम जानकी वल्लम”,राम नाम अति मीठा है कोई गाकर देख ले,आ जाते हैं मेरे राम प्रभु कोई बुलाकर देख ले इसके बाद नृत्य नाटिका श्री रामचंद्र कृपालु भजमन स्तुति की जोरदार प्रस्तुतिरही ।
अगली प्रस्तुति महाराष्ट्र के शिवम मंगदम तलवारबाजी मरदानी खेल महाराष्ट्र के प्राचीन युद्ध कला का प्रदर्शन करते हुए इनमें महिलाएं तलवारबाजी करती है हाथ मे लाठी काठी करते हैं इसमें पुरुष अपने पैर से नीचे नींबू रखकर दाऊ पट्टा इस हथियार से काटते हैं सर पर नारियल रखकर फोड़ते हैं कि विभिन्न प्रदर्शन को तलवारबाजी से अपनी कलाकारी से दर्शाया। इसके पश्चात पटना के उमेश कुमार सिंह की लोक गायन अपने पूरे दल के साथ अयोध्या धाम में बिहार के विभिन्न पारंपरिक राम भजन से श्रोता राममय किया “राम जी से पूछे जनकपुर के नारी बता द बबुआ लोग़वा देत काहे गाली”,”आनंद भैल माइ राम ऐले बन से”, “होली धमार, शोभेला सुनैना के अंगना”को गायन से आवाज दी ।इसके पश्चात ज्योति पाण्डेय अयोध्या लोक गायन सोहर गीत दशरथ के जन्मे ललनवा चैती गीत वीर के बजैया सातों होली गीत होली खेले रघुवीरा की बहुत ही सुंदर प्रस्तुति दी।
इसके पश्चात अयोध्या के इंद्रजीत पटेल लोक गायन विभिन्न देवी गीत की प्रस्तुति दी देवीआके विंडवा बजाई दी,माई वीणा वाली, कबसे है राम जोहत रोज शिवरी के रहिया, होली गीत कान्हा मारे पिचकारी सखी मोर भीगेल साड़ी,बेलवार होली रंगदार फागुन मस्त माहिना टिकाएं से सभी दर्शकों को होली के भीनी भीनी रंगों से भिगो दिया । अगली प्रस्तुति अभिलाषा की गणेश वंदना प्रारंभ कर विघ्न के हरइया शिव शंकर के छैया उसके बाद सोहर गीत जन्मे राम रघुरईया अवधपुर में बाजे बधईया और अंत में लोक भजन मंदिर में विराजे भगवान चलो रे दर्शन करियो । इसके पश्चात बरखा सिंह मथुरा मयूर नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी जिसमें गायन और नृत्य के माध्यम से विभिन्न प्रसंगों को दर्शाया। इसके पश्चात प्रयागराज की प्रियंका सिंह चौहान की लोक गायन राम जी के विभिन्न मीठे-मीठे भजन को गाकर प्रस्तुति दी। इसके पश्चात नयी दिल्ली की अरुणिमा एवं दल द्वारा रामायण राम कथा और राम जी के विभिन्न प्रसंगों पर नृत्य नाटिका की प्रस्तुति दी।
