बदलता स्वरूप कर्नलगंज, गोंडा। जिम्मेदारों के रहमोकरम पर नियम कानून को दर किनार करके गांव के अंदर कोयला बनाने की भट्ठी संचालित हो रही है। जिसे इसकी निगरानी करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वह सब कुछ जानते हुए अनजान बने हुए हैं। प्रकरण विकास खंड परसपुर अंतर्गत ग्राम भौरीगंज से जुडा है। यहां गांव के अंदर एक व्यक्ति द्वारा कोयला बनाने की भट्ठी संचालित की जा रही है। जिससे भारी मात्रा में निकलने वाला धुंआ गांव के लोगों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। ग्रामीणों के अनुसार इसकी शिकायत भी हुई मगर जिम्मेदारों ने सुलह समझौता करवाकर मामले को रफा दफा करवा दिया। कोयला भट्ठी संचालक सीबू उर्फ़ अब्दुल ने बताया की काफी दिन से कोयला की भट्ठी का संचालन किया जा रहा था। लाइसेंस बनवाने का भी प्रयास किया गया मगर बन नहीं पाया। उन्होंने बताया की कुछ दिन पूर्व इसकी शिकायत भी हुई थी। जिस पर अब केवल भट्ठी ख़डी है भट्ठी का संचालन बंद कर दिया गया है। प्रधान प्रतिनिधि सोयब आलम ने बताया की गांव के अंदर कोयला बनाने की भट्ठी का संचालन हो रहा है। जो ग्रामीणों के लिए मुशीबत बनता जा रहा है। उन्होंने बताया की शायद ग्राम समाज की सरकारी भूमि में ही भट्ठी बनी है।
उपजिलाधिकारी भारत भार्गव ने बताया की प्रकरण संज्ञान में नहीं है। यदि ऐसा है तो जांच करवाकर कार्रवाई की जायेगी।
वन विभाग के एसडीओ सुदर्शन ने बताया की इसकी एक बार शिकायत हुई थी, जिस पर भट्ठी तोड़वा दिया गया था। यदि दुबारा भट्ठी का संचालन शुरू किया गया है तो उस पर कार्रवाई की जायेगी।
