गोण्डा। ग्राम पंचायत भिवपुर में चल रही श्री सत चंडी महायज्ञ एवं श्रीराम कथा छठवाँ दिवस पर कथावाचक पण्डित पंकज शास्त्री रसिक जी महाराज ने कहा कि विश्वामित्र जी अपने शिष्यों के साथ राजा दशरथ के पास पहुंचते हैं तथा उनसे राम लक्ष्मण को मांगते हैं। राजा दशरथ पहले तो इन्कार करते हैं लेकिन बाद में गुरु वशिष्ठ जी के समझाने पर राम-लक्ष्मण को विश्वामित्र जी के हाथ में सौंप देते हैं। ग्राम पंचायत भिवपुर में चल रही श्री सत चंडी महायज्ञ एवं श्रीराम कथा कार्यक्रम में मंगलवार रात्रि कथा में महाराज जी कहा कि ऋषि विश्वामित्र यज्ञ करते हैं, लेकिन राक्षस आकर उनका यज्ञ नष्ट कर देते हैं। ऋषि दिव्य दृष्टि से देखते हैं कि भगवान नारायण ने राम के रूप में अयोध्या में अवतार लिया है। विश्वामित्र जी अपने शिष्यों के साथ राजा दशरथ के पास पहुंचते हैं तथा उनसे राम लक्ष्मण को मांगते हैं। राजा दशरथ पहले तो इन्कार करते हैं, लेकिन बाद में गुरु वशिष्ठ जी के समझाने पर राम-लक्ष्मण को विश्वामित्र जी के हाथ में सौंप देते हैं। विश्वामित्र जी उन्हें लेकर अपने आश्रम की ओर चलते हैं तारक वन में भयानक राक्षसी ताड़का मिलती है, जिसे भगवान श्रीराम मार डालते हैं, वहां से सभी लोग विश्वामित्रजी के आश्रम में पहुंचते हैं विश्वामित्र जी यज्ञ करने लगते हैं तभी मारीच और सुबाहु राक्षसों के साथ आश्रम में आकाश मार्ग होते हुये आता है, लेकिन रामचंद्र जी और लक्ष्मण जी सभी राक्षसों का वध कर देते हैं सुबाहु को मार देते हैं, जबकि मारीच को बाण से मारकर लंका भेज देते हैं। विश्वामित्रजी का यज्ञ संपन्न हो जाता है, तभी जनकपुर से सीता स्वयंवर का न्योता आता है। विश्वामित्रजी राम व लक्ष्मण को लेकर जनकपुर के तरफ प्रस्थान करते हैं। बीच में एक पत्थर की शिला को देखकर रामचंद्रजी विश्वामित्रजी से शिला के बारे में पूछते हैं। वे बताते हैं कि यह गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या हैं, जो श्राप से पत्थर बन गई हैं। प्रभु श्रीराम अपना पैर शिला के पास लगाते हैं, उनका चरण लगते ही वह स्त्री बन जाती हैं। भगवान का आराधना करने के बाद वह अपने पति लोक चली जाती हैं। विश्वामित्रजी राम लक्ष्मण के साथ गंगा घाट पर पहुंचते हैं जहां सभी लोग स्नान कर मां दुर्गा की अर्चना करते हैं। पूजन-अर्चन करने के बाद जनकपुर पहुंचते हैं श्री सत चंडी महायज्ञ में उपथित यज्ञाध्यक्ष अंजनी शास्त्री जी महाराज,आचार्य पण्डित अमरनाथ शास्त्री,पंकज शास्त्री,गौरी कांत शास्त्री,कथा व्यास पंकज शास्त्री रसिक जी महराज,मुख्य यजमान माधवराज तिवारी,ग्राम पंचायत भिवपुर प्रधान आशा राम तिवारी, आनंद तिवारी मास्टर, रविप्रकाश, सिपाही लाल मदन बाजपेयी, सुखदेव तिवारी, सत्य प्रकाश तिवारी, बडके शुक्ला सहित सैकडो से ज्यादा लोग मौजूद रहे।
