आरबीएसके की त्रैमासिक समीक्षा बैठक आयोजित, उत्कृष्ट कार्य करने वाले चिकित्सक एवं अन्य स्टाफ हुए सम्मानित
गोंडा। बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सभागार में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की त्रैमासिक समीक्षा बैठक आयोजित की गयी, जिसकी अध्यक्षता सीएमओ डॉ रश्मि वर्मा ने की। बैठक में उपस्थित जिले की 30 मोबाइल हेल्थ टीम को संबोधित करते हुए सीएमओ ने कहा कि लाभार्थियों को उनकी सुविधानुसार और सरलता से उपलब्ध हो जाने वाली स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने का प्रयास करें। विभागीय कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही न करें। सीएमओ ने स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत समस्त बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण शत प्रतिशत करने तथा बीमारी से ग्रसित समस्त बच्चों का स्क्रीनिंग एवं सही इलाज करने के निर्देश दिए। उन्होंने बच्चों में एनीमिया की स्थिति जांचने के लिए हिमोग्लोबिन जांच, बालिकाओं को किशोरावस्था संबंधित बीमारियों से अवगत कराना और उनको गुड टच-बैड टच, हाथ धोने के बारे में तथा अन्य सामान्य बीमारियों के बारे में जानकारी देने सम्बन्धी निर्देश दिए।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी / नोडल अधिकारी आरबीएसके डॉ एपी सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम सरकार की अत्यंत महत्वपूर्ण योजना है। इसके अंतर्गत चिकित्सकों की टीम आंगनबाड़ी केंद्रों व सरकारी स्कूलों में जाकर नवजात शिशु से लेकर 19 वर्ष तक के किशोरों का स्वास्थ्य परीक्षण, संदर्भन एवं प्रबंधन की बेहतर सेवाएं देती है। उन्होंने आरबीएसके टीम को निर्देशित किया कि सभी टीमें माइक्रोप्लान के अनुसार कार्य करें और हर माह की 20 तारीख तक माइक्रोप्लान के अनुसार कार्य कर उसकी रिपोर्ट मुख्यालय पर भेजना सुनिश्चित करें। टीम हर कार्य दिवस में 100-120 बच्चे का स्वास्थ्य परीक्षण करेगी। भ्रमण के दौरान आयरन गोली की उपलब्धता सुनिश्चित करें और बच्चों की संख्या के अनुसार आयरन की गोली की नियमित आपूर्ति व्यवस्था रखें। एसीएमओ ने कहा कि कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर सुपोषित बच्चों की श्रेणी में लाने के प्रयास हों। अति कुपोषित बच्चों को जिला अस्पताल के पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में भर्ती कराने में शिथिलता न बरती जाए। इसके साथ ही एसीएमओ डॉ एपी सिंह ने स्माइल ट्रेन प्रोजेक्ट के अंतर्गत हेल्थ सिटी हॉस्पिटल, लखनऊ की ओर से कटे होंठ और तालू वाले बच्चों को चिन्हित करने के लिए चलाये गए पंजीकरण अभियान में उत्कृष्ट कार्य करने वाले स्वास्थ्य अधिकारियों / कर्मचारियों व सहयोगी संस्था ‘सी-फार’ के प्रतिनिधि को सहभागिता का प्रमाण-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। डीईआईसी मैनेजर उमा शंकर वर्मा ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में कुल 160 बच्चों की जन्मजात बीमारियों का बिना किसी शुल्क के ऑपरेशन कराया गया है।
इसके अलावा टीमों द्वारा भ्रमण के दौरान संदर्भित किये गए बच्चों में 9098 बच्चों का सीएचसी अथवा जिला चिकित्सालय में चिकित्सीय उपचार किया गया है। बैठक में डीपीएम अमरनाथ, जिला सहायक शोध अधिकारी अरुण कुमार श्रीवास्तव, डॉ मधुसूदन सिंह, डॉ प्रवीण, डॉ सलमान, डॉ पवन व जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय से शैलेश कुमार पटेल इत्यादि मौजूद रहे।