रामनगरी की प्रसिद्ध पीठ श्रीरामाश्रम, रामकाेट में श्रीरामजन्माेत्सव धूमधाम से मनाया गया।

अयोध्या राम नगरी के प्रसिद्ध पीठ श्री राम आश्रम राम कोट में श्री राम जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया महाेत्सव काे पीठ के वर्तमान पीठाधीश्वर महंत जयराम दास वेदांती महाराज ने अपनी सानिध्यता की। प्रात:काल मठ के गर्भगृह में विराजमान भगवान का वैदिक मंत्राेच्चार संग पूजन हुआ। तदुपरांत भगवान काे नवीन वस्त्र धारण कराया गया और भव्य श्रृंगार हुआ। उसके बाद अभिजित मुहूर्त में प्रभु श्रीराम का प्राकट्य हुआ। पूरा मंदिर प्रांगण जनम लिए रघुरैया अवध में बाजे बधइया…से गूंज उठा। साधु-संत एवं भक्तगण खुशी से आहलादित हाेकर झूमने लगे।भगवान काे विविध पकवानाें का भाेग लगाकर भव्य आरती उतारी गई। उसके बाद साधु-संत व भक्तगणों काे प्रसाद वितरण हुआ। इस माैके पर महंत जयराम दास वेदांती महाराज ने बताया कि अयोध्याधाम में रामनवमी का बड़ा ही महत्व है। क्याेंकि इस दिन प्रभु श्रीराम ने श्रीअवध धाम में अवतार लिया। ‘जेहि दिन रामजनम श्रुति गावहिं। तीरथ सकल जहां चली आवहिं।।’ अर्थात जिस दिन भगवान श्रीराम का जन्म हाेता है। उस दिन सभी तीर्थ अयोध्या चले आते हैं। पतित पावनी सरयू सलिला में स्नान करते हैं और श्रीरामजन्माेत्सव में सम्मिलित हाेते हैं। खुद तीर्थाें के तीर्थ प्रयागराज जाे सभी के पाप धुलते हैं। वह अपना पाप धुलने के लिए स्वयं रामनवमी के दिन अयोध्या आते हैं। पावन सरयू सलिला में स्नान करते हैं और भगवान श्रीराम के जन्माेत्सव में शामिल हाेकर जीवन धन्य बनाते हैं। अयोध्या संताें की देवभूमि व नगरी है। जहां संत विराजते हैं एवं रामनाम का गुणगान गाते हैं।

इस अवसर साधु-संत व भक्तगण समेत सूचना अधिकारी डॉ. मुरलीधर सिंह सपरिवार उपस्थित रहे।