बदलता स्वरूप गोण्डा। मानवता की राह पर शहर के तीन युवक गरीबों की सहायता के साथ साथ मानसिक विक्षिप्त व्यक्ति की सेवा भी करते चले आ रहे हैं।जिसकी अनूठी मिसाल समाज के लिए प्रेरक है। उमेश श्रीवास्तव, प्रदीप कुमार श्रीवास्तव, जुगुनू माली ने बताया कि भीषण गर्मी में स्टेशन रोड पर एक व्यक्ति दो तीन दिन से नंगे पैर घूम रहा था जिसकी दाढ़ी बाल बेतरतीब बढ़े हुए थे और कपड़े मैले कुचैले थे और आश्चर्य की बात कि वह ऊनी कंबल कंधे पर लटकाये हुए था, रोकने पर वह स्थानीय भाषा में बताया कि वह नानपारा के आसपास के बिछिया जंगल का है। लेकिन वह आगे कुछ भी बताने में असमर्थ रहा। वह पिछले कई दिनो से भूखा था। इशारे से खाना पूंछने पर खाने की इच्छा जाहिर की। भरपेट भोजन कराने के बाद तीनों युवकों ने उसे खुद नहला धुलाकर उसके बेतरतीब बालों को नाई से कटवाकर नये कपड़े पहनाया एक दो दिन बाद उसकी मानसिक स्थिति में सुधार हुआ और वह घर जाने की बात कही और वह युवकों से थोड़े से पैसों को लेकर घर वापस चला गया। स्टेशन रोड पर रहने वाले तीनों नवयुवक उमेश श्रीवास्तव, प्रदीप कुमार श्रीवास्तव और जुगुनू माली बिना किसी समूह और सहायता के यह सेवा करते चले आ रहे हैं। उनको ऐसे असहाय व्यक्ति की खोज करके उनकी सहायता करना परम संतोष मिलता है। तीनों नवयुवकों के इस नेक कार्य की प्रशंसा चारों ओर फैल रही है जो समाज के लिए एक सुन्दर उदाहरण है। रेलवे परामर्श दात्री बोर्ड के सदस्य पंकज कुमार श्रीवास्तव ने दूरभाष पर बधाई देते हुए कार्य की सराहना किया है।
