गो-संरक्षण एवं अनुश्रवण समिति की बैठक सम्पन्न

ग्लैडर्स रोग एवं संचारी रोग की रोकथाम हेतु सुअर पालकों के साथ-साथ पशुपालको को किया जाए जागरूक-जिलाधिकारी

श्रावस्ती

जिले में बुधवार को जिलाधिकारी नेहा प्रकाश की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद स्तरीय गो-संरक्षण एवं अनुश्रवण समिति की बैठक आयोजित की गयी। बैठक में जनपद के निराश्रित,बेसहारा गोवंश से किसानों की फसलों के नुकसान एवं राष्ट्रीय राजमार्गों पर आवारा गोवंश द्वारा उत्पन्न समस्याओं के निदान किये जाने हेतु समीक्षा की गई। शासन के निर्देश के क्रम में गो आश्रय स्थल की स्थापना, संचालन, क्रियान्वयन एवं प्रबन्धन के सम्बन्ध में विस्तृत चर्चा की गयी। जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को पशुओं की शत-प्रतिशत ईयर टैगिंग कराने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि गो-संरक्षण केन्द्रों में रहने वाले गोवंशों को कोई दिक्कत न हो, इसका सम्बन्धित अधिकारीगण विशेष ध्यान रखे। पशुओं के लिए चारा-पानी एवं उनके रहने के लिए छाया की व्यवस्था भी सुनिश्चित रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गोशाला में किसी भी तरह की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। यदि कहीं भी किसी गोवंश को कोई हानि पहुंचती है तो सम्बन्धित चिकित्सक तत्काल उपचार करेंगे। ब्लॉक लेवल पर प्रत्येक गौशाला की अलग-अलग फाइल होनी चाहिए। उत्तर प्रदेश जैव ऊर्जा नीति 2022 के अधीन गोवंश आश्रय स्थलों में गोबर की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि निराश्रित गोवंशों को गर्मी में लू से बचाव हेतु विशेष प्रयास किये जाएं, निराश्रित गोवंशों को संरक्षित किया जाए तथा आश्रय स्थल में संरक्षित समस्त गोवंशों का नियमित निरीक्षण एवं पंजिका पर अंकन कराना सुनिश्चित किया जाए। उन्होने कहा कि ग्लैडर्स रोग की रोकथाम, संचारी रोग की रोकथाम हेतु सूअर पालको के साथ-साथ पशुपालको को जागरूक किया जाए। उन्होने यह भी निर्देश दिया कि बर्डफ्लू रोग की रोकथाम एंव बचाव हेतु टीम गठित की जाए। उन्होने समस्त खण्ड विकास अधिकारियो को निर्देश दिया कि अपने-अपने ब्लाक में चिन्हित जगहों पर नये अस्थायी गोशालाओं का निर्माण किया जाए। पुरानी गौशालाओं में जहां पर जगह निर्धारित की गई हो, वहां पर नये शेड तत्काल बनाये जाएं, ताकि निराश्रित गोवंशों को रहने के लिए कोई दिक्कत न हो। उन्होंने नगरीय क्षेत्रों में घूम रहे गोवंशों को समीप के गोशालाओं में संरक्षित कराने का निर्देश दिया है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी गोवंशों को संरक्षित करने हेतु जिला पंचायत राज अधिकारी एवं मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया कि संयुक्त रूप से टीम बनाकर सड़क पर घूम रहे गोवंशों को संरक्षित कर उनकी टैगिंग कराकर पोर्टल पर अपलोड कराना सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा गांव एवं नगर क्षेत्र में जो पशुपालकों द्वारा गोवंश पाले गये है, उनकी भी जियो टैगिंग कराकर सूचीबद्ध कर उनकी निगरानी भी की जाए। और पशुपालकों को गोवंशों से होने वाले लाभ के बारे में बताया जाए कि उन्हें सरकार द्वारा भी इसके लिए प्रति पशु के हिसाब से भरण-पोषण हेतु प्रदान किया जा रहा है। जिससे लोग प्रेरित होकर अपने पालतु पशुओं को खुला न छोड़े और उनका भरण-पोषण कर लाभ अर्जित करें। उन्होने गौ-आश्रय स्थल में संरक्षित गोवंशों के भरण-पोषण हेतु जनपद के सभी व्यापारियों, किसानों से भूसा दान करने के लिए अपील भी किया है।

जिलाधिकारी ने समस्त नोडल अधिकारियों, खण्ड विकास अधिकारियों,अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका,नगर पंचायत को निर्देशित किया कि वह विकास खण्डवार नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों मे स्थापित अस्थाई गोवंश आश्रय स्थलों की सूचना कुल संरक्षित गोवंश पशुओं की संख्या, ईयर टैग किये गये पशुओं की संख्या, शेड (पूर्ण,निर्माणाधीन,साइज), हरा चारा, भूसा, स्वच्छ पानी, विद्युत, प्रकाश की उपलब्धता, अस्थायी गो आश्रय स्थल में भरण-पोषण हेतु प्राप्त धनराशि की सम्परीक्षण बिन्दुओं पर सूचना संकलित करके निर्धारित समयानुसार सूचना उपलब्ध कराना सुनिश्चित करायें। जिन भी गौशालाओं में निरीक्षण के दौरान जैसे-गोवंश आश्रय मे पानी, शेड एवं विद्युत,प्रकाश एवं चन्नी आदि की कमी पायी जाती है तो उसे तत्काल सूचीबद्ध कराया जाए तथा सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों के माध्यम से व्यवस्थाओं को दुरूस्त करा दिया जाए। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अनुभव सिंह, उपजिलाधिकारी भिनगा प्रवेन्द्र कुमार, उपजिलाधिकारी इकौना रोहित, उपजिलाधिकारी जमुनहा सौरभ शुक्ला, जिला विकास अधिकारी रामसमुझ, परियोजना निदेशक इन्द्रपाल सिंह, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. मानव, जिला पंचायत राज अधिकारी आनन्द प्रकाश, जिला पूर्ति अधिकारी दीपक कुमार वार्ष्णेय, जिला कार्यक्रम अधिकारी पी.के. दास, सहित सभी खण्ड विकास अधिकारीगण, सचिवगण एवं अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहे।