बलरामपुर। शासन के निर्देश के अनुपालन में प्रभागीय वनाधिकारी, सोहेलवा वन्य जीव प्रभाग एम सेम्मारन ने जनपद बलरामपुर निवासियों को सूचित करते हुये जानकारी दी है कि उनके निवास व व्यवसायिक/प्रतिष्ठानों/कार्यालयों आदि में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के अन्तर्गत अधिसूचित वन्य जीवों को अवैध रूप से रखा/पाला जाता है, दण्डनीय अपराध है। इसके लिए उनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही भी की जायेगी। उनके पास बिना वैध अनुमति के कोई वन्य जीव रखा/पाला गया है तो वे स्वेच्छा से तत्काल उसकी सूचना वन विभाग को देते हुये विभाग को सौंप दें।
उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में किसी प्रकार की सूचना प्राप्त होने पर विभागीय हेल्प लाइन संख्या-1800-11-9334(टोल फ्री) पर अवगत करायें।
इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि बिना अनुमति के वन्य जीवों को पिंजडे़ अथवा किसी परिसर में कैद कर रखना अपराध है। वन्य जीवों का शिकार, फन्दे में फंसाना, दौड़ाना, जहर देना आदि अवैध है। इनका व्यापार अवैध है। वन्य जीवों के मांस का भक्षण या अन्य वन्य जीव से सम्बन्धित उत्पादों जैसे चमड़ा, सींग, पंख, बाल, नाखून, हड्डी आदि का उपभोग वर्जित है। वन्य जीवों जैसे भालू, बन्दर, लंगूर, सांप, तीतर, आदि को मनोरंजन हेतु प्रयोग में लाना गैर कानूनी है। वन्य जीवों को चारा देकर पालतू बनाना अपराध है। ऐसा कृत्य कोई भी व्यक्ति न करें।
वन्य जीवों को घायल अवस्था या अनाथ स्थिति में पाये जाने पर, अवैध शिकार, व्यापार वन विभाग के एवं पुलिस विभाग के निकटस्थ कार्यालय, को तत्काल सूचित करें। इसके अतिरिक्त विभागीय हेल्प लाइन संख्या-1800-11-9334(टोल फ्री) पर अवगत करायें।
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