महात्मा ज्योतिबा फुले ने शिक्षा की अलख जगाई

गोंडा 11 मार्च
महात्मा ज्योतिबा फूले ने निस्वार्थ भाव से सामाजिक कार्य कर दबे कुचले शोषित उपेक्षित समाज के लोगों व दलितों व महिलाओं के उत्थान के लिए शिक्षा की अलख जगाई। उक्त विचार मुख्य अतिथि भाजपा जिला मंत्री अजय सिंह महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए अपने विचार व्यक्त किए।

भाजपा जिला कार्यसमिति सदस्य घनश्याम जायसवाल ने महात्मा ज्योतिबा फुले की चित्र पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उन्हें नमन किया।
घनश्याम जैस्वाल उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले भारत के महान व्यक्तित्वों में से एक हैं। ये एक समाज सुधारक, लेखक, दार्शनिक, विचारक, क्रान्तिकारी के साथ अनन्य प्रतिभाओं के धनी थे। उनका पूरा नाम ज्योतिराव गोविंदराव फुले था । महात्मा फुले का जन्म 11 अप्रैल 1827 ईo को तात्कालिक ब्रिटिश भारत के खानवाडी (पुणे) में हुआ था। इनकी माता का नाम चिमनाबाई और पिता का नाम गोविंदराव था। इनकी मात्र एक वर्ष की अवस्था में ही इनकी माता का स्वर्गवास हो गया। इसके बाद इनके पालन पोषण के लिए सगुणाबाई नामक एक दाई को लगाया गया। इन्हें महात्मा फुले और ज्यतिबा फुले के नाम से भी जाना जाता है।

महात्मा ज्योतिबा फुले का परिवार कई पीढ़ी पहले सतारा से आकर यहाँ बसा था। यहाँ आकर इन्होंने फूलों का काम शुरू किया और उससे गजरा व माला इत्यादि बनाने का काम शुरू किया। इसलिए ये ‘फुले’ के नाम से जाने गए। इन्होंने प्रारंभ में मराठी भाषा में शिक्षा प्राप्त की। परन्तु बाद में जाति भेद के कारण बीच में ही इनकी पढ़ाई छूट गयी। बाद में 21 वर्ष की अवस्था में इन्होंने अंग्रेजी भाषा में मात्र 7 वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी की। दबे कुचले परिवारों और महिलाओं के उत्थान लिए शिक्षा के क्षेत्र में औपचारिक रूप से कुछ करने के उद्देश्य से इन्होने सन् 1848 ईo में एक स्कूल खोला। स्त्री शिक्षा और उनकी दशा सुधारने के क्षेत्र में यह पहला कदम था।

महात्मा ज्योतिबा फुले जी को पुष्प अर्पित करने वालों में ब्लाक प्रमुख तरबगंज मनोज कुमार पांडे प्रवीण मंडल अध्यक्ष अमरेश तिवारी जिला कार्यसमिति सदस्य श्री नारायण पांडे किसान मोर्चा मंडल अध्यक्ष हरकृष्ण मोर्या शक्ति के संयोजक कमलेश पांडे सत्य के संयोजक संतोष कुमार द्विवेदी और प्रभु दुबे रूपेश कुमार पांडे सिद्धार्थ तिवारी बूथ अध्यक्ष हनुमान शरण पांडे सहित दर्जनों लोगों ने उन्हें याद कर उन्हें नमन किया।