बलरामपुर। एम एल के पी जी कॉलेज बलरामपुर के समाजशास्त्र विभाग में शनिवार को सामाजिक समरसता विषय पर अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। व्याख्यान में छात्र-छात्राओं को सामाजिक समरसता के महत्व से अवगत कराया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ कार्यक्रम अध्यक्ष महाविद्यालय प्राचार्य प्रोफेसर जे पी पाण्डेय,मुख्य वक्ता सिद्धार्थ विश्वविद्यालय सिद्धार्थनगर के इतिहास विभाग के डॉ सच्चिदानंद चौबे व विभागाध्यक्ष डॉ अनामिका सिंह ने दीप प्रज्वलित एवं मां सरस्वती के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करके किया। प्राचार्य प्रो0 जे पी पाण्डेय ने उपस्थित छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि मानव समाज में शांति, स्वतंत्रता और न्याय को स्थापित करने और बनाए रखने के लिए सामाजिक सद्भाव एक महत्वपूर्ण तत्व है। समाज मे अमानवीय और शत्रुतापूर्ण गतिविधियाँ मौजूद नहीं हो सकती हैं यदि लोग सच्ची भावना, प्रेम और भाईचारे और सामाजिक सद्भाव के साथ एकजुट हों। मुख्य वक्ता डॉ सच्चिदानंद चौबे ने कहा कि सभी संस्कृति को समान समझना चाहिए। आज विश्व की कई सभ्यताएं नष्ट हो चुकी हैं लेकिन भारत की सभ्यता आज भी जीवित है। उसका मुख्य कारण है कि भारत के लोगों में समरसता की भावना का होना। सामाजिक समरसता वाला समाज न्यायपूर्ण या आदर्श समाज होता है। विभागाध्यक्ष डॉ अनामिका सिंह ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए सामाजिक समरसता के महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ ओ पी सिंह ने अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ अर्चना शुक्ला ने किया।
इस अवसर पर डॉ दिनेश त्रिपाठी, सीमा श्रीवास्तव, मणिका मिश्रा व जैनब खान सहित परास्नातक के छात्र-छात्राएं मौजूद रहीं।
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