गोंडा। वि.ख. रुपईडीह के ग्राम पंचायत उसरैना में सरकारी कर्मचारियों के परिजनों व समिति के सचिव सहित अनेक अपात्रों को प्रधानमंत्री आवास देने की शिकायत रामावती खुशबू सहित 1 दर्जन से अधिक पात्रों ने विभागीय अधिकारियों से लेकर जनपद के उच्चाधिकारियों से करते हुए बीते 10 वर्षों में ग्राम पंचायत में दिए गए आवासों की जांच राजपत्रित अधिकारी का टीम गठन कर किए जाने की मांग की।
विकासखंड रुपईडीह के ग्राम पंचायत उसरैना के निवासी रामावती, खुशबू, माधुरी, रजनीश, रूप रानी, प्रेमा देवी सहित 2 दर्जन से अधिक महिला व पुरुषों ने विभागीय अधिकारियों से लेकर जनपद के उच्चाधिकारियों को एक पत्र देकर ग्राम पंचायत में बीते 10 वर्षों से दिए गए आवासों के लाभार्थियों का जांच किए जाने की मांग की। ग्रामीणों ने अपने शिकायती पत्र में कहा कि ग्राम पंचायत में सरकारी कर्मचारियों के परिजनों सचिव व अपात्रों को प्रधानमंत्री आवास का लाभ दिया गया। परंतु गांव के पात्रों को प्रधानमंत्री आवास नहीं दिया गया जबकि आवास के लिए वर्ष 2008 में प्रेमा देवी, रूप रानी सहित कई लोगों ने जिलाधिकारी के कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन एवं आमरण अनशन भी किया था। जिससे नाराज ग्राम प्रधान ने पात्रता सूची में नाम होने एवं पात्र व्यक्ति होने के बावजूद भी प्रधानमंत्री आवास नहीं दिया। जबकि सरकारी कर्मचारियों के परिजनों, अपात्रों, सचिव व उनके परिजनों को आवास प्रधानमंत्री आवास दे दिया गया है।
शिकायत कर्ताओं ने अपने शिकायती पत्र में कहा कि पिछले वर्ष गांव में स्वीकृत 12 आवासों के सापेक्ष सक्षम अधिकारियों ने 6 आवास की जांच की, जिसमें 3 अपात्र पाए गए थे जिनका द्वितीय किस्त रोक दिया गया था, परंतु ग्राम प्रधान व सचिव सक्षम अधिकारियों की जी हजूरी कर उन्हें सभी किस्त भी मुहैया करा दिया गया। ऐसी स्थिति को देखते हुए ग्रामीणों ने विभागीय अधिकारियों से लेकर जनपद के उच्चाधिकारियों को एक पत्र देकर राजपत्रित अधिकारियों की टीम गठन कर ग्राम पंचायत में 10 वर्षों में स्वीकृत आवासों की जांच व कार्रवाई की मांग की है। इस संबंध में मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि शिकायत मिली है, जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।