बाबा साहब के आदर्शों पर चलने की जरूरत है-घनश्याम जायसवाल

गोंडा। भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के आदर्शों पर चलकर ही अच्छे समाज की स्थापना की जा सकती है। भारतीय संविधान से ही महिलाओं को मतदान करने का अधिकार मिला यह बाबा साहब के भारतीय संविधान की देन है। उक्त विचार भारतीय जनता पार्टी जिला कार्यसमिति सदस्य घनश्याम जायसवाल ने बाबा साहब के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन करते हुए अपने विचार व्यक्त किए।
भारतीय जनता पार्टी तरबगंज के मंडल अध्यक्ष अमरेश तिवारी की अध्यक्षता में नगर पंचायत तरबगंज पूर्व मंडल अध्यक्ष श्री नारायण पांडे भाजपा बूथ अध्यक्ष हनुमान शरण पांडे व फूलचंद पांडे संजय पांडे त्रिजुगी नारायण पांडे महेश कुमार सहित तमाम लोगों ने बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।

भाजपा जिला कार्यसमिति सदस्य घनश्याम जायसवाल ने डॉ भीमराव अंबेडकर जी की जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अंबेडकर का पढ़ाई-लिखाई में दिमाग तेज तो था ही उनमें सीखने की ललक खूब थी। यही वजह है कि बंबई के प्रतिष्ठित एल्फिंस्टन काॅलेज में पहले दलित छात्र ने दाखिला लिया, जिसका नाम था भीम राव अंबेडकर। इसके बाद अंबेडकर ने अपने सपनों को पूरा करने के लिये खूब मेहनत की। आखिरकार मेहनत रंग लाई और उन्होंने तीन साल के लिये बड़ौदा स्टेट स्काॅलरशिप पास कर ली और न्यूयॉर्क में कोलंबिया विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया और 1915 में एमए की परीक्षा पास की। उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनाॅमिक्स में दाखिला लिया। चार साल में दो डाॅक्टरेट की उपाधियां हासिल कीं। 5 के दशक में उन्हें दो और मानद डाॅक्टरेट की उपाधियां दी गईं। पढ़ाई करने के बाद देश लौटकर उन्होंने इन सबके खिलाफ आंदोलन और अभियान चलाए। दलितों और दबे कुचलों को न्याय दिलवाने में वह आगे-आगे रहे। उन्होंने 1928 में महाड़ सत्याग्रह, 1930 में नासिक सत्याग्रह और 1935 में येवला की गर्जना जैसे आंदोलन चलाए। 1927 से 1956 के बीच बहिष्कृत भारत समेत कई पत्र पत्रिकाओं का संपादन किया। उन्होंने कमजोर वर्ग के छात्रों के लिये काम किये। मुंबई में सि़द्घार्थ महाविद्यालय और औरंगाबाद में मिलिन्द महाविद्यालय स्थापित किये। लाइब्रेरी खोली। बाबा साहब संविधान निर्माता समिति के सभापति होने के नाते समाज के सभी लोगों को न्याय मिले और उनके हितों की रक्षा हेतु भारतीय संविधान 2 वर्ष 11 महीना 18 दिन में तैयार किया आज इसी संविधान से देश चलता है और देश खुशहाली के रास्ते पर निरंतर विकास कर रहा है।

बाबा जी के बताए रास्ते पर चलकर ही अच्छे समाज का निर्माण कर सभी को सम्मान कर बाबा जी को सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सकती हैं।