बदलता स्वरूप अयोध्या। नमामि सरयू सेवा ट्रस्ट द्वारा संत तुलसीदास कच्चा घाट श्री अयोध्या धाम पर सरयू माँ का छट्ठी महोत्सव धूमधाम से मनाया गया।सरयू जयंती महोत्सव के उपरान्त छः दिवसीय माँ सरयू छठी पर्व पर माँ सरयू का दूग्धाभिषेक,माँ सरयू पूजन वैदिक मंत्रो उचारण के साथ हवन-पूजन व सांयकाल में माँ सरयू की 1051 बत्ती की महाआरती व माँ सरयू की दिव्य फूल-बंगला झांकी सजायी गई। झाँकी के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम व विशाल भण्डारे का अयोजन किया गया। जिसमें हज़ारों की संख्या में भक्तों- श्रद्धालुओं व स्थानीय लोगों ने भोजन प्रसाद ग्रहण कर अपने जीवन को कृतार्थ किया।यह कार्यक्रम लगभग कई वर्षों से अनवरत जारी हैं। छठी महोत्सव से पूरा सरयू तट आह्लादित एवं उल्लासित रहा। उत्सव की मनोरमता देखते हुए बन रही थी।कहा जाता हैं कि यह पावन अयोध्याधाम है जहां मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम ने जन्म लिया। अयोध्या सप्तपुरियों में सर्वश्रेष्ठ है। जिसे सप्तपुरियों का मस्तक कहा गया है। इसे मोक्षदायिनी नगरी भी कहा गया है। सरयू मैया की बड़ी ही अगला महिमा है जो लोगों के पापों को धोती है। खुद तीर्थराज प्रयागराज अपने पापों को धोने के लिए रामनवमी के दिन अयोध्या आते है व सरयू में डुबकी लगाते हैं। संरक्षक पूज्य महंत कमल नयन दास जी महाराज श्री मणि रामदास छावनी अयोध्या अध्यक्ष पंडित राकेश जी राजा महाराज । इस अवसर पर अयोध्या के महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी, महंत जयराम दास, अयोध्या तीर्थ पुरोहित धर्मार्थ सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष राजेश महाराज प्रदीप पांडे, दुर्गेश पांडे ,नवीन शर्मा, आदि लोग शामिल रहें।
