गोंडा / जल्द ही सिविल डिफेंस के स्वयंसेवक भर्ती होने के उपरांत गोण्डा के जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन को सहयोग करते नजर आएंगे। ये बात गोंडा सिविल डिफेंस के प्रभारी असिस्टेंट डिप्टी कंट्रोलर एवम गोंडा प्रभारी मनोज वर्मा ने सिविल डिफेंस के प्रशिक्षण के दौरान कही। गौरतलब है कि भारत सरकार ने उत्तर प्रदेश के नौ नगरों में सिविल डिफेंस की शुरुआत की मंजूरी प्रदान की है। इनमें से एक नगर गोंडा भी है।
गोंडा में सिविल डिफेंस को सक्रिय करने के लिए नगर के विख्यात सामाजिक कार्यकर्ता डॉ राजेश कुमार श्रीवास्तव के आवास पर एक महत्वपूर्ण बैठक के साथ ही एक प्रशिक्षण का भी आयोजन किया गया जिसमे शहर के दो दर्जन से ज्यादा गणमान्य नागरिकों ने भाग लिया और प्रशिक्षण प्राप्त किया।सिविल डिफेंस के वरिष्ठ अधिकारी सुमित मौर्य ने इसके गठन, उद्देश्य और महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 1962 में बने सिविल डिफेंस का दायरा नित प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। पहले जहां युद्ध से बचाव में इसकी भूमिका होती थी वहीं आज आपदा में भी सिविल डिफेंस की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो गई है। सिविल डिफेंस के स्वयंसेवक हर आपदा से निपटने में जिला प्रशासन का सहयोग करते है।
श्री वर्मा ने कहा कि नगर में इस समय आम नागरिकों को सिविल डिफेंस की बेसिक जानकारी का प्रशिक्षण प्रदान दिया जा रहा है, जिसके उपरांत इच्छुक नागरिकों को सिविल डिफेंस में कार्य हेतु स्वयंसेवक (वार्डन) के रूप में भर्ती किया जाएगा और फिर गहन प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। कार्यक्रम के संयोजक डॉ राजेश कुमार ने लखनऊ से आए अधिकारियों को आश्वासन दिया कि गोंडा के सम्मानित व्यक्ति जो सिविल डिफेंस का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं वो आने वाले दिनों में नगर का नाम रोशन करते नजर आएंगे। साथ ही जो भी दायित्व सौंपा जाएगा उस पर निष्ठापूर्वक कार्य करेंगे और सिविल डिफेंस को मजबूती प्रदान करेंगे।
सिविल डिफेंस के प्रशिक्षण में भाग लेने वालो में मुख्य रूप से डॉ ओंकार पाठक, जसपाल सिंह सलूजा, भूपेंद्र प्रकाश आर्य, डॉक्टर अफजाल , अविनाश सिंह, विकास मनोहर, विजित श्रीवास्तव. मोहम्मद मुनाजिर नवनीत, विद्याधर द्विवेदी.. आदि उपस्थित रहे।
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