श्रावस्ती
एक तरफ यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा हमेशा पत्रकारों की सुरक्षा के दावे किए जा रहे है। वहीं दूसरी तरफ लोकतंत्र के चौथे स्तंम्भ कलम के सिपाही की यूपी पुलिस चीरहरण करने में कोई कोर कसर नही छोड़ रही है, क्योंकि अगर सच में पत्रकारों को राज्य में सुरक्षा प्रदान की जा रही होती तो शायद पत्रकारो को झूठे मामलों में फंसाकर प्रताड़ित नहीं किया जाता।
जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले में 04 मार्च को दैनिक संदेश वाहक समाचार पत्र के पत्रकार मो.याकूब खान उर्फ इदरीश पर झूठे आरोप लगाने का मामला सामने आया है। जिसमें पत्रकार को नारकोटिक्स सप्लाई का आरोप लगाकर जेल भेज दिया गया है।
दरअसल फिल्मी स्टाइल में उत्तर प्रदेश के नारकोटिक्स विभाग की टीम और स्थानीय पुलिस द्वारा एक स्वच्छ छवि के पत्रकार मो. याकूब खान के दुकान के सामने से दूर रखी एक बोरी से पैकेट निकालकर पत्रकार को पकड़कर अपने साथ मल्हीपुर थाने ले जाती है। और फिर बाकी की पूरी स्क्रिप्ट थाने के अंदर लिखकर एक निर्दोष पत्रकार को अपराधी बनाकर एन.डी.पी.एस एक्ट के तहत मुकदमा लिख दिया जाता है। पत्रकार मो.याकूब उर्फ इदरीश की दुकान मल्हीपुर थाना क्षेत्र के अंर्तगत माल्ही चौराहे पर बी.सी.सेंटर की है जो अपनी दुकान चलाकर परिवार की आजीविका चला रहे हैं वही याकूब खान के दुकान के बाहर फुटपाथ पर एक बुजुर्ग अपनी बर्तन की दुकान को लगाकर बर्तन बेचकर अपना जीवन व अपने परिवार का जीवन यापन करने का कार्य कर रहे हैं,04 मार्च को दोपहर 01 बजे के करीब एक अज्ञात व्यक्ति बर्तन की दुकान पर पहुँचकर बर्तन लेकर बोरी छोड़कर चला जाता है, जिसके बाद बिल्कुल फिल्मी स्टाइल में सिविल ड्रेस में नारकोटिक्स विभाग के 10 से 12 पुलिसकर्मी बिना नंबर के चार पहिया वाहन से पहुँचते है और बोरी से पैकेट निकाल कर बर्तन बेचने वाले के साथ पत्रकार मो.याकूब को अपने गाड़ी में बिठाकर मल्हीपुर थाने ले जाते है। इस विषय मे जब उच्च अधिकारियों से बात की गई तो उनके द्वारा बार-बार संतावना दिया गया, कि बगैर जांच किए किसी निर्दोष को नही फसाया जाएगा, उसके बाद भी पत्रकार समाज कल्याण समिति के कार्यकर्ता देर रात्रि तक मल्हीपुर थाने पर मौजूद रहकर विभागीय अधिकारियों से वार्ता करते रहे वहीं अधिकारी भी बिना जाँच के कार्यवाही न करने की बात का आश्वासन बराबर देते रहे,वहीं बिना किसी ठोस जांच के देर रात्रि को पुलिस विभाग द्वारा निर्दोष पत्रकार मो.याकूब के ऊपर एन.डी.पी.एस के तहत मुकदमा लिख कर उसको जेल भेज दिया।
स्थानीय लोगो के अनुसार एक व्यक्ति बोरी लिए बर्तन की दुकान पर आता है बर्तन लेता है और बोरी वहीं पर छोड़कर चला जाता है जिसके बाद सादे कपड़ो में पुलिस पहुँचकर बोरी से पैकेट निकाला और दोनो को पकड़ लिया है। लोगों के मन में अब सवाल यह उठता है कि वह अज्ञात बोरी रखने वाला कौन है और बोरी रखने के बाद फौरन पुलिस कैसे पहुँची यह अत्यंत ही जांच का विषय है।