अयोध्या श्री श्री त्रिदंडी श्री रामचंद्र जीयर स्वामी जी महाराज के सानिध्य में दक्षिण भारत से आए हुए 21 विद्वान आचार्यो के द्वारा पंच रात्रागम पद्धति एवं वैदिक पद्धति द्वारा प्रातः काल भगवान श्री लक्ष्मी नारायण के सानिध्य में चतुर्वेद पारायण दिव्यप्रबंध पाठ एवं भगवान श्री राम प्रभु का कमल पुष्पों से दिव्य श्रृंगार किया गया दक्षिण से पधारे श्री रामचंद्र जी और स्वामी जी महाराज ने तमिल भाषा में यज्ञ एवं प्राण प्रतिष्ठा के महत्व को तमिल भाषा में बताते हुए कहां यज्ञ भगवान विष्णु का साक्षात स्वरूप है यज्ञ करने से भगवान तो प्रसन्न होते ही हैं साथ ही में प्रकृति भी निर्मल होती है अनादि काल से ऋषि-मुनियों ने वेद मंत्रों द्वारा भगवान श्री हरि को प्रसन्न किया है और यदि वही वेद मंत्र वैदिक ब्राह्मणों के द्वारा जब उच्चरित होते हैं तो भगवान अत्यधिक प्रसन्न होते हैं क्योंकि ब्रह्मा जी के मुख से ही ब्राह्मण की उत्पत्ति है अशर्फी भवन पीठाधी पति जगद्गुरु स्वामी श्री धराचार्य जी महाराज ने कहा भगवान ने कहा है वेद मेरा वचन है और वेद पाठी ब्राह्मण मेरे मुख हैं और गौमाता मेरा शरीर है बाकी सभी देवी देवता मेरे अंग प्रत्यंग है अतः हमेशा सनातन धर्म का पालन करते हुए भगवत मार्ग का अनुसरण करना चाहिए
महाराज जी ने कहा मां भक्ति की जन्मभूमि दक्षिण से पधारे हुए सभी भक्तजन सप्त मोक्ष पुरियों में में प्रतिष्ठित श्री अवध धाम भगवान रामलला के समीप 28 करोड़ लिखित श्री राम नाम को श्री राम लला भवन में स्थापित करके बहुत ही अद्भुत काम कर रहे हैं आज श्री राम प्रभु के प्राण प्रतिष्ठा क्रम में सांय कॉल भगवान श्री राम प्रभु को फला धिवास वास में शयन कराया जाएगा 16 मार्च को सायं 3:30 से भगवान को नगर भ्रमण कराया जाएगा दिव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी चैत्र रामनवमी के पावन अवसर पर अशर्फी भवन पीठ में अष्टोत्तर शत श्रीमद् भागवत पारायण 108 विद्वान आचार्यों द्वारा एवं श्रीमद् भागवत कथा की अमृत वर्षा जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री श्री धराचार्य जी महाराज के श्री मुख से श्रवण लाभ प्राप्त होगा श्रीरामचरितमानस नवानपारायणअभ्यागतो को भोजन भंडारा संतो को सम्मान भेंट भंडारा आदि विविध कार्यक्रमों का आयोजन होगा
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