अधिकारियों संग वार्ता करतीं सीएमओ डॉ रश्मि वर्मा ।

अब महीने में चार दिन मनाया जाएगा पीएमएसएमए दिवस : सीएमओ

गोंडा। सुरक्षित प्रसव और माँ-बच्चे की सेहत सुरक्षा के लिए प्रत्येक माह की नौ तारीख़ को सभी सरकारी स्वास्थ्य इकाईयों पर तथा 24 तारीख़ को प्रथम संदर्भन इकाईयों (एफआरयू) पर ‘प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान’ (पीएमएसएमए) दिवस मनाया जाता है। इस अभियान को और अधिक प्रभावी बनाने तथा समुदाय की सभी उच्च जोखिम वाली गर्भवती तक स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुँच सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने नयी पहल की है, जिसके तहत अब प्रत्येक माह की 01 और 16 तारीख़ को भी स्वास्थ्य केन्द्रों पर पीएमएसएमए दिवस का आयोजन किया जाएगा।सीएमओ डॉ रश्मि वर्मा ने बताया कि पूर्व में मिले शासनादेशों के क्रम में प्रत्येक माह की नौ तारीख एवं 24 तारीख को सरकारी अस्पतालों में ‘प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व क्लीनिक’ का आयोजन कर द्वितीय / तृतीय तिमाही वाली गर्भवती को कम से कम एक बार विशेषज्ञ अथवा एमबीबीएस चिकित्सक की देखरेख में जाँच, उपचार, पोषण और परिवार नियोजन की सलाह दी जाती है। यह अभियान नौ तारीख को समस्त ब्लॉक स्तरीय स्वास्थ्य इकाईयों, जिला महिला अस्पताल तथा शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर तथा 24 तारीख़ को जिले के चार एफआरयू (प्रथम संदर्भन इकाई)- जिला महिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र करनैलगंज, मनकापुर व वजीरगंज पर चलाया जाता है। इस मौके पर गर्भवती को प्रसव पूर्व की समस्त जांचें जैसे-हीमोग्लोबिन, शुगर, यूरिन जांच, ब्लड ग्रुप, एचआईवी, सिफ़लिस, वजन, ब्लड प्रेशर तथा अन्य जांच एवं अल्ट्रासाउंड सुविधा दी जाती है। साथ ही टिटनेस-डिप्थीरिया (टीडी) का टीका लगाया जाता है और आयरन, फोलिक एसिड, कैल्शियम आदि आवश्यक दवाएं दी जाती हैं।

इसके अलावा गर्भवती और उनके साथ आए घर वालों को सुरक्षित संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित किया जाता है।उन्होंने बताया कि द्वितीय / तृतीय तिमाही की संभावित गर्भवती महिलाओं के सापेक्ष पीएमएसएमए दिवस पर गर्भवती महिलाएं कम संख्या में लाभान्वित हो रही हैं | इसके दृष्टिगत राज्य स्तर पर यह निर्णय लिया गया है कि पीएमएसएमए दिवस का आयोजन माह में 09 एवं 24 तारीख़ के अतिरिक्त प्रत्येक माह की 01 एवं 16 तारीख को भी किया जाएगा और स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ / एमबीबीएस चिकित्सक की देखरेख में प्रसव पूर्व समस्त जाँच और उपचार की गुणवत्तापरक सेवाएं दी जाएंगी।अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरसीएच डॉ एपी सिंह ने बताया कि पीएमएसएमए आयोजन का मुख्य उद्देश्य विशेषज्ञ डॉक्टर / एमबीबीएस चिकित्सक की देखरेख में सभी गर्भवती महिलाओं की दूसरी और तीसरी तिमाही में प्रसव पूर्व कम से कम एक जांच सुनिश्चित करना है, विशेषकर उन गर्भवती महिलाओं को जो किसी कारणवश पंजीकरण नहीं करा सकी हैं या पंजीकरण के बाद एएनसी सेवाओं का लाभ नहीं उठाया है। यानि उच्च जोखिम वाली सभी गर्भवती महिलाओं तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करना ही पीएमएसएमए आयोजन का उद्देश्य है।डीपीएम अमरनाथ ने बताया कि पीएमएसएमए दिवस पर गर्भवती और उनके साथ आए घर वालों को सुरक्षित संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित किया जाता है। गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड की सुविधा आवश्यकतानुसार निजी यूएसजी केंद्रों पर भी ई-रूपी वाउचर के माध्यम से दी रही है।