गोण्डा। वृद्धाश्रम में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन तथा वृद्धाश्रम का निरीक्षण जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा के सचिव नितिन श्रीवास्तव अपर जिला जज/एफटीसी की अध्यक्षता में किया गया। इस अवसर पर वृद्ध आश्रम के प्रबन्धक राजेश कुमार श्रीवास्तव द्वारा सचिव को जानकारी देते हुए बताया गया कि आज की तिथि पर वृद्धाश्रम में कुल 79 वृद्धजन हैं, जिनमें से 50 पुरूष तथा 29 महिलायें हैं। वर्तमान समय में वृद्धाश्रम में कुल 89 वृद्धजन रह रहे हैं, जिनमें से आज 07 पुरूष एवं 03 महिलायें वृद्धाश्रम से बाहर व्यक्तिगत कार्य/मन्दिर दर्शन हेतु गये हुये हैं। विधिक साक्षरता शिविर में सचिव द्वारा उत्तराधिकार एवं भरण पोषण अधिनियम की जानकारी देते हुए यह बताया गया कि उत्तराधिकार एवं भरण पोषण अधिनियम, 1956 की धारा 20, वृद्धजनों को अपने बच्चों से भरण-पोषण प्राप्त करने का प्रावधान करती है। धारा 23 में न्यायालय के द्वारा भरण पोषण की धनराशि निर्धारित करने के सम्बन्ध में उपबन्ध दिये गये हैं। वर्तमान में न केवल पुत्र बल्कि पुत्रियों पर भी अपने माता-पिता के भरण-पोषण का दायित्व दिया गया है। यहां तक कि न केवल नैसर्गिक माता-पिता बल्कि दत्तक माता-पिता भी भरण-पोषण प्राप्त कर सकते हैं। आगे यह भी बताया गया कि जो वृद्ध अपने उत्तराधिकारी या रिश्तेदार को उपहार स्वरूप या फिर उनका हक मानते हुए अपनी सम्पत्ति उन्हें अन्तरित कर देते हैं तत्पश्चात उन्हंे भरण पोषण एवं स्वास्थ्य सम्बन्धी आवश्यकताओं की प्राप्ति नही होती है, तो वह विधि अनुसार अपनी सम्पत्ति वापस प्राप्त कर सकते हैं और सम्पत्ति का अन्तरण रद्द करवा सकते हैं।
इस दौरान वृद्धजनों द्वारा अवगत कराया गया कि उन्हें पिछले 04-05 माह से पेंशन नही मिली है, जिस पर सचिव द्वारा प्रबन्धक वृद्धाश्रम से इस बात की जानकारी ली गयी कि वृद्धाश्रम के किन-किन वृद्धजनों को वृद्धावस्था पेंशन मिल रही है, उनकी अद्यतन स्थिति क्या है। प्रबन्धक द्वारा अवगत कराया गया कि वर्तमान समय में 18 वृद्धजनों का आधार नही बना है तथा 20 वृद्धजनों के आधार में संशोधन होना है, जिस कारण उनको अभी वृद्धावस्था पेंशन नही मिल रही है तथा शेष वृद्धजनों को पेंशन मिल रही है। सचिव द्वारा प्रबन्धक से पूृछा गया कि वृद्धजनों को किस माह तथा किस वर्ष तक की पेंशन दी जा चुकी है, तो प्रबन्धक उक्त बात को बताने में असमर्थ रहे। सचिव द्वारा प्रबन्धक को निर्देशित किया गया कि जिला समाज कल्याण अधिकारी गोण्डा से पत्राचार कर इस सम्बन्ध में सूचना तलब करें कि वृद्धाश्रम गोण्डा में आवासित वृद्धजनों को किस वर्ष के किस माह तक पेंशन दी जा चुकी है तथा जिन वृद्धजनों का आधार नही बना है अथवा उनके आधार में संशोधन होना है उनके सम्बन्ध मेें उनके द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है। सचिव द्वारा वृद्धजनों के पासबुक को देखा गया तो कुछ पासबुक फटी हुई थी तथा कुछ पासबुक पर अन्तिम इन्ट्री 21 अगस्त की थी। इस पर सचिव द्वारा प्रबन्धक को आदेशित किया गया कि वृद्धजनों की पासबुक पर नई अपडेशन कराना सुनिश्चित करें। वृद्धाश्रम में रह रहे 01 वृद्ध बदलू द्वारा बताया गया कि उसे चक्कर आ रहा है। इस सम्बन्ध में प्रबन्धक को निर्देषित किया कि शीघ्र ही उस व्यक्ति को जिला अस्पताल में दिखाया जाये। सचिव द्वारा प्रबन्धक को इस बात हेतु निर्देशित किया गया कि वृद्धाश्रम में स्वास्थ्य परीक्षण का एक शिविर लगाया जाये, जिसमें सभी वृद्धजनों का प्राथमिक स्वास्थ्य परीक्षण कर उसको एक रजिस्टर में अंकन करें तथा अग्रिम माह की तिथि में होने वाले निरीक्षण की तिथि को उसको मेरे समक्ष प्रस्तुत करें। सचिव द्वारा वृद्धजनों से वहां पर मिलने वाले भोजन आदि के सम्बन्ध में पूंछतांछ की गयी तो वहां उपस्थित लगभग सभी वृद्धजनों द्वारा यह बताया गया कि यहां पर खानेे की अच्छी व्यवस्था है तथा यहां पर कार्यरत कर्मचारीगण द्वारा उनका पूरा ध्यान रखा जाता है। इस अवसर पर वृद्ध आश्रम के कर्मचारीगण तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा के लिपिक मुकेश कुमार वर्मा व कनिष्ठ लिपिक कन्हैया लाल तिवारी उपस्थित रहे।