फूल भाँग और मालाओं से हुआ बाबा घुश्मेश्वर शिव की साज सज्जा

फूल, भांग, चंदन और सूखे मेवे से भगवान घुश्मेश्वर का शिव रूपी श्रृंगार

लालगंज ( प्रतापगढ़ ) बाबा घुश्मेश्वर शिव लिंग का श्रृंगार उज्जैन महाकाल की तर्ज पर हुआ करता है। इस अलौकिक आरती का शुभारंभ बीते चार वर्ष पहले सिर्फ सोम और मंगल दो दिन के लिए प्रारम्भ हुआ था किंतु बाबा घुश्मेश्वर नाथ की ऐसी कृपा भक्तों पर बनी कि यह दिव्य भव्य आरती लगभग सप्ताह में चार दिन होने लगी और बाकी के दिनों में आरती सप्ताह भर हुआ करती है।यहाँ भक्तों का कहना है कि यह सब भूत भावन भगवान भोलेनाथ की कृपा का प्रसाद मात्र है।इस भव्य दिव्य आरती का संयोजन प्रबन्ध निदेशिका श्रुति शुक्ला आइंस्टीन पब्लिक स्कूल की अगुवाई में हुआ।इसके सजावट में भाँग,बादाम,काजू,फूल,चंदन,भस्म,अंगूर,ईलायची आदि सूखे मेवे से हुआ करता है।बाबा घुश्मेश्वर नाथ धाम के महंत मयंक भाल गिरि ने बताया कि धार्मिक,आध्यात्मिक और पौराणिक विशिष्टता के कारण यह शिव धाम करोड़ो श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। भगवान घुश्मेश्वर जी का यह धाम बाबा घुइसरनाथ धाम नाम से मानव समाज के प्राणों में बस गया है।मान्यता के अनुसार इस दिव्य महा आरती में जो भी भक्त स्वच्छ एवं निर्मल मन से बाबा के श्रृंगारित रूप का दर्शन कर महाआरती में सम्मिलित होते हैं उनके सकल मनोरथ पूर्ण हो जाते है।आरती में क्षेत्रीय ही नहीं अपितु दूर दराज के लोग भी दर्शन हेतु आतुर रहते हैं।आरती के दौरान बाबा अनिल गिरि, बाबा विजय गिरि, पं. वीरेंद्रमणि तिवारी, पं. उपेंद्र मिश्र, शिवाकांत पांडेय, संगम मिश्र, अंजनी, प्रेमचंद, हरिश्चन्द्र सहित अनेक भक्त गण मौजूद रहते हैं ।