बदलता स्वरूप गोंडा। गांधी पार्क टाउन हाल गोंडा में द्वितीय साहित्योत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि ए पी सिंह डिप्टी सीएमओ, वर्षा सिंह उपाध्यक्ष एलबीएस पीजी कॉलेज तथा अतिथिगण जानकी शरण द्विवेदी, उर्मिला पांडे, साक्षी अरोड़ा, डॉक्टर ज्योत्सना शुक्ला, किरण सिंह, डॉक्टर अभय श्रीवास्तव, जसपाल सलूजा, राकेश सिंह, संजय गोयल, श्रवण अग्रवाल, डॉक्टर अजय शुक्ला, जसवंत मिश्रा, उमेश शुक्ला, भवानी भीख शुक्ला, चंद्र मौलिक मिश्रा, सुशांत श्रीवास्तव, भैरव पांडे, डॉक्टर मृणाल पांडे, डॉक्टर के. के. मिश्रा, डॉक्टर घनश्याम गुप्ता ने दीप प्रज्ज्वलित कर मां सरस्वती के चरणों में पुष्प अर्पित कर की। कार्यक्रम की अध्यक्षता शिवाकांत मिश्रा विद्रोही द्वारा की गई। देश के महान कवियों ने एक से एक कविता का प्रस्तुतिकरण कर श्रोताओं का मन मोह लिया, कविताओं की श्रृंखला में श्रीमती नीता सिंह ने हवाएं सास भर्ती है मगन हो दिल ये गाता है जैसे अपने लोकप्रिय गीत से की। बाप का सहारा, मां का लाडला दुलारा, राजनीति वालो रे तुम्हारा क्या चला गया-चंदन तिवारी रुद्र द्बारा, गुंडों का स्वागत गोली से होना बहुत जरूरी था-विख्यात मिश्रा द्धारा, सीना ताने स्वाभिमान से सीमाओं पर हम रहते हैं-अभय निर्भीक द्बारा, तुम्हारी जीत के बदले मैं अपनी हार लिखता हूं-योगेंद्र योगी द्बारा, लाइन क्लियर देखता हूं तो बढ़ाता बात, वरना बहन जी नमस्ते कर लेता हूं-विकास बौखल द्बारा,
देशवा में आई गवा चुनाव नेतवन के बदल गवा हाव भाव-आलेख सिंह ‘शिवा’ द्बारा अपनी इन पंक्तियों के माध्यम से दर्शकों को आनंदमय कर दिया गया। अंत में सभी को द्वितीय साहित्य उत्सव के आयोजक क्रांति कुमार सिंह जी ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
