श्रावस्ती महोत्सव’’ के आयोजन से स्थानीय कलाकारो को मिलेगा मंच, निखरेगी उनकी प्रतिभा-प्रभारी मंत्री

अमूल्य विरासत और गरिमा को साझा करने का मौका देता है श्रावस्ती महोत्सव-जिलाधिकारी

बदलता स्वरूप श्रावस्ती। श्रावस्ती विकास एवं संरक्षण समिति के तत्वावधान में जनपद मुख्यालय भिनगा स्थित जिला पंचायत के निकट मैदान में 22 से 24 मई, 2023 तक ’’श्रावस्ती महोत्सव’’ कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। जिसका सोमवार को प्रभारी मंत्री/राज्यमंत्री नगर विकास, शहरी समग्र विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन विभाग, उ0प्र0 सरकार राकेश कुमार राठौर ’गुरू’ जी, अध्यक्ष जिला पंचायत दद्दन मिश्रा, जिलाधिकारी नेहा प्रकाश, मुख्य विकास अधिकारी अनुभव सिंह, जिलाध्यक्ष महेश मिश्रा ओम ने द्वीप प्रज्वलित कर शुभारम्भ किया। इस दौरान जिले के परिषदीय विद्यालयों/कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के छात्र-छात्राओं, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग एवं संस्कृति विभाग के कलाकरों द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये।

इस अवसर पर मंत्री ने कहा कि जनपद भगवान गौतम बुद्ध की तपोस्थली होने के कारण यह बहुत ही पावन स्थल है और पर्यटन की अपार संभावनाएं है। उन्होने कहा कि यह जनपद प्राचीन सभ्यता से जुड़ा ऐतिहासिक स्थल है। यंहा पर पर्यटको को तमाम तरह की इतिहास के बारे में जानकारी भी होती है। इस महोत्सव के आयोजन से यहां के स्थानीय उभरते कलाकारो को उनका मंच मिलता है और उनके हुन्नर में निखार आयेगी। मेरी कामना भी यह है कि यह महोत्सव निरन्तर आगे बढ़ता रहे तथा कुछ ही वर्षाे में इस महोत्सव की पहचान पूरे भारतवर्ष में हो सके। उन्होने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ’सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास-सबका प्रयास’ के तर्ज पर जन-जन को लाभान्वित करने का कार्य कर रही है। और यह भी ध्यान रखा जा रहा है कि समाज में खड़े आखिरी पंक्ति के व्यक्ति भी सरकार की योजनाओं से संतृप्त हो, ताकि उनके चेहरों पर भी मुस्कान आ सके। इस अवसर पर अध्यक्ष जिला पंचायत ने कहा कि जिलाधिकारी ने जो जनसहयोग से श्रावस्ती महोत्सव का पुनः भव्य आयोजन कर एक ऐतिहासिक कदम उठाया है, वो सराहनीय है और यह महोत्सव माडल भी बनेगा। इस महोत्सव के आयोजन से यह जनपद विकास के क्षेत्र में निश्चित ही और तरक्की करेगा तथा इस जनपद का और चहुंमुखी विकास होगा।

इस अवसर पर विधायका भिनगा इन्द्राणी वर्मा ने कहा कि ’’श्रावस्ती महोत्सव’’ के आयोजन से इस जनपद को एक नई पहचान मिल रही है। इसके द्वारा पूरे देश एवं प्रदेश में श्रावस्ती के इतिहास के बारे में भी लोगों को जानकारी मिल रही है, जो कि बहुत ही सराहनीय कार्य है। इसके लिए जिलाधिकारी एवं जनपद के समस्त अधिकारीगण बधाई के पात्र है। जिलाध्यक्ष ने अपने सम्बोधन में कहा कि भगवान गौतम बुद्ध की तपोस्थली होने के नाते यहां हर साल भारी संख्या में पर्यटक आते हैं, इस महोत्सव के आयोजन से निश्चित ही इस क्षेत्र के विकास के साथ-साथ जिले का विकास होगा और इस महोत्सव का देश दुनिया में भी नाम होगा। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने श्रावस्ती विकास एवं संरक्षण समिति के तत्वावधान में आयोजित हो रहे इस तीन दिन के श्रावस्ती महोत्सव के उद्घाटन के अवसर पर प्रभारी मंत्री एवं अन्य जनप्रतिनिधिगणों, सभी अधिकारियों और दूर-दराज के क्षेत्रों से आए जनसामान्य का स्वागत और अभिनन्दन किया और कहा कि आज हम सभी मिलकर एक खास अवसर मनाने जा रहे हैं। उन्होने बताया कि प्राचीन भारत के कौशल राज्य की दूसरी राजधानी रही श्रावस्ती, को उत्तर प्रदेश के एक जनपद के रूप में 22 मई, 1997 को पहचान मिली। नेपाल राष्ट्र की सीमा के समीप तथा राप्ती नदी के उद्गम क्षेत्र श्रावस्ती, महात्मा बुद्ध की तपोस्थली के रूप में भी विख्यात है। यहां पर महात्मा बुद्ध जी ने अपने जीवनकाल के 24 वर्षावास व्यतीत किए थे। बौद्ध, जैन एवं हिन्दू धर्म के एक पवित्र संगम के रूप में प्रसिद्ध श्रावस्ती प्राचीन कौशल राज्य में एक प्रमुख नगर था, जो अचिरावती नदी के तट पर बसा था, जो आज राप्ती नदी के रूप में विख्यात है। उन्होने कहा कि यह जनपद पर्यटन की अपार सम्भावनाओं से परिपूर्ण है। यहां सहेट-महेट, अंगुलिमाल गुफा, शान्ति घंटा, महामंगकोल मन्दिर इत्यादि के साथ ही जैन मतावलम्बियों का जैन मन्दिर, महर्षि वाल्मीकि आश्रम, हिन्दू पौराणिक आस्था से जुड़ा सीताद्वार मन्दिर, पाण्डव कालीन विभूतिनाथ मन्दिर, सोनपथरी आश्रम भी हैं। इसके अतिरिक्त वन क्षेत्र के रूप में सोहेलवा वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी, रजिया ताल, रामपुर बांध, राप्ती बैराज इत्यादि दर्शनीय स्थल भी हैं। यह महोत्सव हमारे लिए एक महत्वपूर्ण और गर्व का क्षण है, जो हमारे संस्कृति, धर्म, और परंपराओं का प्रतीक है।

श्रावस्ती महोत्सव एक पर्व है, जो हमें अपनी भूमि की अमूल्य विरासत और गरिमा को साझा करने का मौका देता है। यहां हम संगीत, नृत्य, काव्य, कला, और प्राचीन शिल्प का आनंद उठाते हैं। श्रावस्ती महोत्सव के इन तीन दिनों में सभी को विभिन्न कार्यक्रम, प्रदर्शनी, नाटक और मनोरंजन का आनन्द उठाने का अवसर मिलेगा। हम इस मौके का लाभ उठाकर श्रावस्ती की रोचक इतिहास, परंपरा और विरासत के बारे में अधिक सीखेंगे। उन्होने सभी से अपील किया है कि हम सब मिलकर इस महोत्सव को और भी यादगार और सफल बनाएं। हमें संगठनशीलता, सामरिकता और आपसी समझ के साथ इस महोत्सव को संचालित करना है। कार्यक्रम में बेहतर प्रस्तुतीकरण करने के लिए कलाकारों को जनप्रतिनिधिगणों, जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी द्वारा प्रशस्ति पत्र एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) डी0पी0 सिंह, अपर जिलाधिकारी न्यायिक सुभाष चन्द्र यादव, अपर पुलिस अधीक्षक प्रवीण कुमार यादव, उपजिलाधिकारी भिनगा आशुतोष, उपजिलाधिकारी जमुनहा पी0के0 राय, उपजिलाधिकारी सालिकराम सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण, छात्र-छात्राएं एवं भारी संख्या में जनसैलाब उपस्थित रहा।