बदलता स्वरूप गोंडा। जिला जज ब्रजेन्द्र मणि त्रिपाठी के आदेश के आलोक में आज विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर जनपद गोण्डा के तहसील सदर, तहसील करनैलगंज, तरबगंज, मनकापुर तथा जिलाचिकित्सालय में एक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। तहसील सदर के ग्राम पंचायत भदुवा तरहर प्राथमिक विद्यालय में जागरूकता शिविर का आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा के सचिव नितिन श्रीवास्तव अपर जिला जज की अध्यक्षता में तथा तहसीलदार अखिलेश कुमार व जिला चिकित्सालय के अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 आदित्य वर्मा की उपस्थिति में किया गया। तहसील सदर के ग्राम पंचायत भदुवा तरहर प्राथमिक विद्यालय में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर आयोजित जागरूकता शिविर को सम्बोधित करते हुये सचिव द्वारा बताया गया कि सम्पूर्ण विश्व में तम्बाकू निषेध दिवस मनाया जा रहा है। इसी उपलक्ष्य में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा की तरफ से आपके ग्राम में आप लोगों के समक्ष इस जागरूकता शिविर का आयोजन किया जा रहा है। जैसा कि आप सभी को ज्ञात है कि तम्बाकू एक नशीला पदार्थ है, जिसका उपयोग गुटका, सिगरेट, बीड़ी एवं गुल नामक मंजन में किया जाता है। इनका सेवन करने से आगे चलकर इनका सेवन करने वालों को मुंह के कैंसर, ग्रीवा कैंसर एवं फेफड़े का कैंसर नामक बीमारी हो जाती है, जिसके परिणाम स्वरूप उस व्यक्ति की मृत्यु तक हो जाती है। इसके सेवन से इसको खाने-पीने वाले की मृत्यृ ही नही होती है बल्कि उसका परिवार आर्थिक त्रासदी में चला जाता है। इस कारण हम सब लोगों को इसके सेवन से बचना चाहिये तथा हम सबका यह दायित्व होना चाहिये कि इससे होने वाली बीमारियों के बारे मेें अन्य लोगों को भी जागरूक करें। तम्बाकू के अतिरिक्त ड्रग्स, नषीले पदार्थ, शराब एवं कच्ची शराब का भी लोगों द्वारा सेवन किया जाता है। उक्त का भी सेवन करने वालों को भविष्य में कैंसर नामक बीमारी हो जाती है, जिस कारण इनके प्रयोग से भी बचना चाहिये।
शिविर में उपस्थित जिला चिकित्सालय के अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 आदित्य वर्मा द्वारा तम्बाकू के सेवन के सम्बन्ध में भी जानकारी प्रदान करते हुए यह कहा गया कि वर्तमान समय में तम्बाकू का प्रयोग, सिगरेट/बीडी, खैनी तथा गुटका में किया जा रहा है। सिगरेट/बीड़ी के सेवन का ऐक्टिव एवं पैसिव प्रभाव होता है। इसका मतलब यह है कि जो लोग इसका सेवन करते हैं वो ऐक्टिव स्मोकर कहलाते हैं और जो सेवन नही करते हैं किन्तु उनके सामने उसका सेवन किया जाता है वो पैसिव स्मोकर कहलाते हैं। ऐक्टिव स्मोकर की अपेक्षा पैसिव स्मोकर पर इसका दुष्प्रभाव 10 गुना ज्यादा पड़ता है। इसके अतिरिक्त अगर सिगरेट/बीड़ी का सेवन कमरे के अन्दर किया जाता है तो तम्बाकू के जलने से उत्पन्न हुये धुयंे के कण कमरे के अन्दर चारों तरफ फैल जाते हैं एवं कमरे में उपस्थित अन्य कण के साथ मिल जाते हैं एवं जो व्यक्ति उस कमरे में प्रवेष करता है, उसके सांस लेते ही वह तम्बाकू के धुयें के उक्त कण उसके फेफड़े में चले जाते है। इस प्रकार हम देखते हैं कि यदि एक व्यक्ति सिगरेट पीता है तो उसका प्रभाव उसके पूरे घर पर पड़ता है। तम्बाकू से होने वाले कैंसर से सभी परिचित हैं। इस कारण हमको तम्बाकू के सेवन से पड़ने वाले दुष्प्र्रभाव को देखते हुये इसका सेवन नही करना चाहिये तथा औरों को भी इसके सेवन से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक चाहिये ताकि वे तम्बाकू का किसी भी रूप में सेवन न करें। शिविर में उपस्थित तहसीलदार द्वारा शिविर को सम्बोधित करते हुये कहा गया कि समाज में फैले नशीले पदार्थों यथा धूम्रपान और शराब के उन्मूलन के लिए जागरूकता एवं विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। हर साल 31 मई को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। इस खास दिन पर तम्बाकू के खतरे के बारे में दुनियाभर में जागरूकता फैलायी जाती है। तम्बाकू का उपयोग किस तरह से शरीर को नुकसान पंहुचा सकता है, इसके बारे में तमाम जानकारियां इस खास दिन पर दी जाती हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर साल दुनिया भर में लगभग लाखों लोग तम्बाकू के सेवन से होने वाले रोगों की वजह से मौत के मुंह में चले जाते हैं, इसलिए इस दिन दुनिया भर में तम्बाकू और इसके सेवन के घातक परिणामों के प्रति लोगों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। धूम्रपान से वातावरण को भारी नुकसान हो़ता है,। विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य तम्बाकू के खतरों और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले इसके नकारात्मक प्रभावों के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना है। यही नही, इसके साथ-साथ निकोटीन और तम्बाकू के सेवन से होने वाली बीमारियों से होने वाली मौतों को भी कम करना है। आज के इस पवित्र दिन पर हम सब लोगों को माननीय अपर जिला जज साहब तम्बाकू का सेवन स्वयं न करने एवं अन्य को भी इसका सेवन न करने के सम्बन्ध में एक शपथ दिलायेगें। इस अवसर पर जिला चिकित्सालय के मनोसामाजिक कार्यकर्ता उमेश कुमार, साइक्रेटिक नर्स कमला मिश्रा, लेखपाल निरंकार प्रसाद तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा के कनिष्ठ लिपिक कन्हैया लाल तिवारी एवं अंकित वर्मा सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
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