कोतवाल, चौकी इंचार्ज सहित सात पुलिसकर्मियों पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज

बदलता स्वरूप कर्नलगंज-गोंडा। कोतवाली कर्नलगंज अंतर्गत ग्राम कैथौली निवासी जयप्रकाश ने अध्यक्ष मानवधिकार आयोग को प्रार्थना पत्र दिया था। आयोग के हस्तक्षेप पर थाना कटरा बाजार पुलिस ने कोतवाली कर्नलगंज के सात पुलिसकर्मियों के विरुद्ध धारा 395, 323, 504, 506, 452, 427 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। जिसमें कोतवाल सुधीर कुमार सिंह, उपनिरीक्षक अंकित सिंह, अमर सिंह, वेदप्रकाश शुक्ला, भंभुआ चौकी प्रभारी उमेश सिंह, दीवान शिवप्रकाश पाठक सिपाही संदीप सिंह का नाम सामिल है। पीड़ित के अनुसार वह हाईकोर्ट लखनऊ में बतौर अधिवक्ता कार्य कर रहा है। वर्ष 2016 में उसके पिता अपने नाम दर्ज गाटा संख्या 359 की भूमि में मकान का निर्माण करवा रहे थे। दीवार बन चुकी थी मात्र छत डालना बाकी था। उसी बीच उसके पड़ोसी भूमि के छोटे से हिस्से को विवादित बताने लगे, दूसरे पड़ोसी सिविल कोर्ट में वाद प्रस्तुत करके स्थगन आदेश प्राप्त कर लिये, जिससे निर्माण कार्य बंद हो गया। प्रभावी पैरवी के अभाव में स्थगन आदेश ख़ारिज हो गया। उसने एसडीएम को प्रार्थना पत्र दिया। जिस पर उन्होंने विवादित हिस्सा छोड़कर निर्माण कराने का आदेश कोतवाल कर्नलगंज को दिया। वह छत डलवाने के लिए सटरिंग करवाने लगा। फिर भी भंभुआ चौकी प्रभारी ने निर्माण कार्य बंद करवा दिया। आरोप है कि वह मामला कोतवाल के संज्ञान में होने की बात कहते हुये 50,000 रुपये की मांग करने लगे। मांग पूरे न होने पर हाथ पैर तोड़ने की धमकी देने लगे। 28 अक्टूबर 2022 को वह पुनः सटरिंग लगवाने लगा। एक नवंबर 2022 की शाम 7:30 कोतवाल सुधीर कुमार सिंह, उपनिरीक्षक अंकित सिंह, अमर सिंह, वेदप्रकाश शुक्ला, भंभुआ चौकी प्रभारी उमेश सिंह, दीवान शिवप्रकाश पाठक सिपाही संदीप सिंह पहुंचे और उसके छप्पर के घर में घुसकर 1,70,000 रुपये नकद 9 अदद सोने चान्दी के जेवर, 20-20 लीटर पिपरमिंट आयल, विस्कुट, नमकीन व मिठाई आदि लूटकर पूरे परिवार को मारने लगे। जिसमें उसके भाई सूरज का पैर व माता पिता का हाथ टूट गया।

उसी बीच उसके सीनियर अधिवक्ता लखनऊ से आ गए जिस पर पुलिस उसके साथ उन्हें भी मारपीट कर पकड़ ले गई और मुकदमा दर्ज करके जेल भेज दिया। इंस्पेक्टर कटरा बाजार ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। कोतवाल सुधीर कुमार ने बताया कि ग्राम ग्राम कैथौली का प्रकरण है उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसे लेकर वह मानवधिकार आयोग गए थे उसी में मुकदमा दर्ज हुआ है।