जिला कारागार में लगाई गई साक्षरता शिविर

एडीजे नितिन श्रीवास्तव ने जेल का किया निरीक्षण, जाना बंदियों का हाल

बदलता स्वरूप गोंडा। जनपद न्यायाधीश ब्रजेन्द्र मणि त्रिपाठी के निर्देशानुसार आज पूर्वाह्न 11ः30 बजे जिला कारागार गोण्डा में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन एवं कारागार का निरीक्षण जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा के सचिव नितिन श्रीवास्तव, अपर जिला जज/एफटीसी द्वारा किया गया। विधिक साक्षरता शिविर के दौरान जेल अधीक्षक प्रमोद कुमार सिंह द्वारा सचिव को अवगत कराया गया कि आज की तिथि में कुल 883 बन्दी कारागार में निरूद्ध हैं, जिसमें से सिद्धदोष बन्दी 159 विचाराधीन बन्दी 707 तथा अस्पताल में कुल 16 बन्दी भर्ती हैं। अस्पताल में भर्ती 16 बन्दियों में से सिद्धदोष बन्दी 05 व विचाराधीन बन्दी 11 हैं तथा 01 एन0एस0ए0 बन्दी है। विधिक साक्षरता शिविर हेतु सचिव द्वारा जेल अधीक्षक प्रमोद कुमार सिंह को आदेशित किया गया कि जिन विचाराधीन बन्दियों की जमानत आज से पूर्व हो चुकी है किन्तु रिहाई नही हुई है, उन्हें इस साक्षरता शिविर में बैठाया जाये। इसके अतिरिक्त जिन बन्दियों को इस माह दोषसिद्ध किया गया है उनको तथा 25 मई के बाद जो नये विचाराधीन बन्दी कारागार में आये हैं उनको विधिक साक्षरता शिविर में अवश्य बैठाया जाये।

विधिक साक्षरता शिविर को सम्बोधित करते हुये सचिव द्वारा शिविर में उपस्थित बन्दियों से यह कहा गया कि जो बन्दी 25.05.2023 के पश्चात जिला कारागार में निरूद्ध हुये हैं उनके पास यदि अधिवक्ता नही हैं तो उन्हें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा द्वारा निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराया जा सकता है। यदि उनके द्वारा इस बावत प्रार्थना पत्र जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा को प्रेषित किया जाता है। क्योंकि निःशुल्क अधिवक्ता प्राप्त करना विचाराधीन बन्दियों का विधिक अधिकार है। इसके साथ ही साथ यहां पर उपस्थित सभी बन्दियों से अनुरोध है कि यदि आप को भविष्य में यह ज्ञात हो कि आपकी बैरक का कोई विचाराधीन बन्दी ऐसा है, जिसके पास अधिवक्ता नही हैं, उसे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा द्वारा तुरन्त निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराया जायेगा। इसके अतिरिक्त यदि कोई बन्दी ऐसा है जिसे उसके द्वारा कारित किये गये अपराध में भारतीय दण्ड संहिता द्वारा जो दण्डादेश निर्धारित किया गया है, यदि वह विचाराधीन बन्दी उस पूर्ण सजा का आधी सजा जेल में काट चुका हो, तो उसे दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 436ए का लाभ प्राप्त होगा एवं वह बन्दी सम्बन्धित न्यायालय द्वारा व्यक्तिगत बन्धपत्र दाखिल करने पर जमानत पर छोड़ दिया जायेगा। इस शिविर के दौरान सचिव द्वारा दोषसिद्ध बन्दियों से भी वार्तालाप की गयी।16.05.2023 को दोषसिद्ध किये गये बन्दी से जब उच्च न्यायालय में दाण्डिक अपील दाखिल करने के बावत पूंछा गया तो उसने बताया कि वह स्वयं उच्च न्यायालय के समक्ष दाण्डिक अपील दाखिल करेगा। इस शिविर में उपस्थित वे विचाराधीन बन्दी जिनकी जमानत आज के पूर्व हो चुकी है, उनसे भी जमानत बन्धपत्र अतिशीघ्र न्यायालय के समक्ष दाखिल करने की बात कही गयी। शिविर में उपस्थित कुछ बन्दियों द्वारा बतलाया गया कि उनके जमानत बन्धपत्र दाखिल हो चुके है एवं तहसील पर सत्यापन हेतु भेजे गये हैं तथा कुछ बन्दियों द्वारा बताया गया कि उनकी स्थिति ऐसी नही है, कि जमानत की शर्तों का पूर्ण किया जा सके। सचिव द्वारा उन बन्दियों को जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नही है, उनसे इस बावत का प्रार्थना पत्र लिया गया।

विधिक साक्षरता शिविर के उपरान्त सचिव द्वारा जिला कारागार की समस्त बैरकों का निरीक्षण किया गया तथा प्रत्येक बन्दी एवं महिला बन्दी से विधिक सहायता, निःशुल्क अधिवक्ता, जिला कारागार के खान-पान एवं स्वास्थ्य सुविधा के बावत जानकारी प्राप्त की गयी। इसी निरीक्षण के दौरान जिला कारागार में प्रथम दृष्टया 03 बन्दी ऐसे मिले, जिनकी उम्र 18 वर्ष से कम प्रतीत हो रही थी। जिला कारागार गोण्डा के उन 03 बन्दियों से उनकी उम्र के बावत पूछतांछ की गयी तो उनमें से 1-2 बन्दी ने अपनी जन्मतिथि 2005 व 2006 बतायी तथा 01 बन्दी अपनी जन्मतिथि बताने में असमर्थ रहा। जेल अधीक्षक को आदेशित किया गया कि उक्त तीनों बन्दियों के उम्र की जांच के बावत सम्बन्धित न्यायालय को सूचना प्रेषित करें। इसी निरीक्षण के दौरान जे0जे0बोर्ड के प्रधान मजिस्टेट से भी पूंछतांछ की गयी कि कोई ऐसा किशोर बन्दी तो नही बन्द है, जिसकी उम्र 18 वर्ष से कम हो। यदि ऐसा कोई किशोर बन्दी जिला कारागार गोण्डा में निरूद्ध है तो वह राजकीय सम्प्रेक्षण गृह गोण्डा में स्थानान्तरित करने के बावत आवश्यक कार्यवाही करें। निरीक्षण के दौरान पाकशाला का निरीक्षण किया गया, जहां पर सायंकालीन भोजन की तैयारियां की जा रही थी। निरीक्षण के दौरान पाकशाला में देखा गया कि बन्दी सायंकालीन भोजन के लिये आटा गूंथ रहे थे। आटें को उठाकर देखा गया तो उसकी गुणवत्ता अच्छी प्रतीत हुई। इसी समय डिप्टी जेलर शैलेन्द्र त्रिपाठी द्वारा अवगत कराया गया कि कैदियों के भोजन के लिये गेंहू के आटें का प्रयोग किया जाता है तथा जिला कारागार गोण्डा में लगी चक्की में ही उसे पीसा जाता है। पाकशाला इन्चार्ज द्वारा बताया गया कि सायंकालीन भोजन में आज बन्दियों को रोटी, चावल, चने की दाल व आलू कद्दू की सब्जी दी जायेगी। जिला कारागार के अस्पताल के निरीक्षण के दौरान जिला कारागार के अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं बन्दियों से मुलाकात की गयी।

कारागार के अस्पताल के निरीक्षण के दौरान डाक्टर डा0 ए0पी0सिंह द्वारा अवगत कराया गया कि 04 बन्दी ऐसे हैं, जिनका इलाज लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल कालेज में चल रहा है, आर0आई0 उपलब्ध न हो पाने के कारण उनको पिछले 04 दफे से इलाज हेतु लखनऊ न भेजा जा सका। कारागार अधीक्षक को आदेशित किया गया कि उक्त बन्दियों के बावत सूचना जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा को प्रेषित करें तत्पश्चात उस पर आवश्यक कार्यवाही की जायेगी। आज के विधिक साक्षरता शिविर एवं निरीक्षण के दौरान जेलर शिव प्रताप मिश्रा, डिप्टी जेलर शैलेन्द्र त्रिपाठी व विवेक कुमार सिंह एवं अन्य बन्दी रक्षक तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा के कनिष्ठ लिपिक अंकित वर्मा व पराविधिक स्वयं सेवक रहमत अली उपस्थित रहे।