बदलता स्वरूप लखनऊ, 8 जून 2023: गैंगस्टर संजीव जीवा को लखनऊ में एक कोर्ट के आसपास गोली मारकर मार गिराया गया है। यह वारदात कोर्ट प्रांगण में घटी, जहां एक अज्ञात व्यक्ति ने जीवा पर गोली चलाई।
संजीव जीवा को इस हमले में घायल होते हुए इमरजेंसी सेवा कर्मचारियों ने तुरंत अस्पताल में ले जाया, लेकिन उनकी जान बचाने के लिए कार्यकर्ताओं की कोशिशें व्यर्थ रहीं। डॉक्टरों ने उनके अस्थिर हालत के चलते उन्हें संजीवनी नहीं दी और उनकी मौत घोषित कर दी।

पुलिस ने मौत की खबर सुनते ही तत्परता के साथ कार्रवाई शुरू की है। वे इस मामले की जांच के लिए लखनऊ कोर्ट परिसर में मौजूद आपातकालीन सुरक्षा बलों की गवाही ले रहे हैं। संजीव जीवा की मौत के पीछे मोटिव का पता लगाने के लिए पुलिस अधिकारियों ने तत्काल छानबीन शुरू की है।
संजीव जीवा गैंगस्टर अखिलेश यादव की गिरफ्त में था और कई गंभीर अपराधों के लिए उनके खिलाफ मुकदमे चल रहे थे। उनका विरोधी गिरफ्तारी और उनकी बंदूक से कोर्ट प्रांगण में यह हमला किया गया है। उनके पीछे दुसरे आरोपी या संबंधित व्यक्ति की खोज जारी है।
लखनऊ के कोर्ट प्रांगण की सुरक्षा में और सख्ती बढ़ाने की मांग पुलिस अधिकारियों और स्थानीय न्यायिक प्रशासन द्वारा की जा रही है। इस हमले के बाद, सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाने का निर्णय लिया गया है और विशेष ध्यान को सुनिश्चित करने के लिए जांच अधिकारी तैनात किए गए हैं।
यह घटना उन अपराधियों के लिए एक चेतावनी है जो कोर्ट प्रांगण के आसपास अपराध करने की कोशिश कर रहे हैं। लखनऊ पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी पुलिस को सूचित करें ताकि ऐसे अपराधों को रोका जा सके और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

विस्तार
कुख्यात संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा पर गोलियां दागने के लिए हमलावर घात लगाए बैठा रहा। वह वकील के लिबास में था, इसलिए उस पर किसी तरह का शक नहीं हुआ। जैसे ही अपने केस की बारी आते ही जीवा कोर्ट रूम के कटघरे की तरफ चला आरोपी विजय यादव ने उसपर ताबड़तोड़ गोलियां दागनी शुरू कर दीं
सूत्रों के मुताबिक संजीव के पहुंचने से काफी पहले ही विजय कोर्ट परिसर में पहुंच गया था। काली कोट, हाथों में फाइलें लिए एससी-एसटी कोर्ट रूम के बाहर वह बैठ गया। इससे उस पर किसी को शक नहीं हुआ। कोट के भीतर उसने रिवॉल्वर छिपा रखी थी। संजीव को आता देखते ही वह सक्रिय हो गया। संजीव कोर्ट रूम के भीतर गया तो वह भी पीछे से घुस गया। जैसे ही संजीव के केस की बारी और वह उठकर चला, उसने गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। गोलियों की तड़तड़ाहट से पूरा कोर्ट परिसर गूंज उठा। हर तरफ भगदड़ मच गई।

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