बदलता स्वरूप श्रावस्ती। जिलाधिकारी कृतिका शर्मा ने बताया है कि जनशिकायतों का समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण निस्तारण शासन की सर्वाेच्च प्राथमिकताओं में हैं, जिसके लिए शासन द्वारा पूर्व में समय-समय पर निर्देशित किया गया हैं। जिलाधिकारी ने समस्त जनपद स्तरीय अधिकारियों को निर्देशित किया है कि उन्हें संदर्भित शिकायतों का समयबद्ध रूप से गुणवत्तापरक निस्तारण किया जाए। उन्होने निर्देश दिया कि जनशिकायतों के निस्तारण में आवेदकों की संतुष्टि का विशेष ध्यान रखा जाए तथा असंतोषजनक फीडबैक का संज्ञान लेकर शिकायत का निस्तारण समय सीमा के अन्दर किया जाए। उन्होने बताया कि मा0 मुख्यमंत्री जी के निर्देशानुसार आई०जी०आर०एस प्रणाली को अधिक प्रभावी एवं सन्तुष्टि परक बनाये जाने हेतु संशोधन करते हुए निर्देश निर्गत किये गये हैं। जिसमें एक मोबाइल नम्बर से प्रणाली में एक माह में 10 से अधिक सन्दर्भ दर्ज नहीं हो सकेंगे। फीडबैक हेतु निषेधित सन्दर्भ न्यायालय में विचाराधीन, बृहद मांग, सुझाव, आर0टी0आई0 से आच्छादित, आदि निशेधित विषयों तथा ऑनलाईन सन्दर्भ जिनमें विभाग/कार्यालय से ’सम्बन्धित नही’ चिन्हित कर निस्तारण किया गया हो, में फीडबैक प्राप्त नही किये जायेंगे। इन सन्दर्भों को चिन्हित करने की सुविधा सम्बन्धित निस्तारणकर्ता अधिकारी को पोर्टल में आख्या भरते समय ड्रॉपडाउन में उपलब्ध कराई जाएगी। एल-1 अधिकारी द्वारा निषेधित विषयों का फ्लैग चयनित कर आख्या अपलोड करने पर उक्त आख्या अनुमोदनार्थ एल-2 अधिकारी को प्राप्त होगी तथा एल-2 अधिकारी द्वारा अनुमोदित किये जाने पर वह निस्तारित मानी जायेगी एवं इन सन्दर्भों को एल-2 अधिकारी के स्तर से स्पेशल क्लोज सन्दर्भ माना जायेगा। उक्त प्रकरणों में समयार्न्तगत गुणवत्तापूर्ण आख्या अपलोड की जाय। वर्तमान मार्कशीट में सम्बन्धित माह के अंत में अवशेष डिफॉल्टर सन्दर्भों की कुल संख्या के अनुसार अंक प्रदान किए जाते हैं। उक्त व्यवस्था को संशोधित करते हुए अब सम्बन्धित माह में किसी भी तिथि में डिफॉल्टर हुए सन्दर्भ को डिफॉल्टर माना जाएगा एवं तदनुसार मूल्यांकन मार्कशीट में गणना की जाएगी। इस सम्बन्ध में यह सुनिश्चित किया जाय कि जनसुनवाई पोर्टल पर प्रतिदिन कोई भी सन्दर्भ डिफाल्टर न होने दिया जाय। अगर किसी भी अधिकारी के स्तर पर कोई सन्दर्भ डिफाल्टर होता है तो सम्बन्धित अधिकारी के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
जनपद एवं अधीनस्थ स्तरों के यूजर्स का प्रोफाइल (पुलिस विभाग को छोड़कर) जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा एवं पुलिस विभाग से सम्बन्धित यूजर्स का प्रोफाइल प्रत्येक माह आवश्यकतानुसार संशोधित/सत्यापित किया जाएगा। उक्त हेतु मासिक मार्कशीट एवं रैंकिंग में एक अतिरिक्त मानक निर्मित कर अंक प्रदान किए जाएंगे। इसलिए समस्त अधिकारीगण आईजीआरएस पोर्टल पर अपना यूजर प्रोफाइल प्रत्येक माह अपडेट/सत्यापित करना सुनिश्चित करेंगे। उन्होने यह भी निर्देश दिया कि आईजीआरएस सन्दर्भों का नियमानुसार गुणवत्तापूर्ण निस्तारण कराकर स्पष्ट एवं टंकित आख्यायें ही पोर्टल पर अपलोड की जाएं। हस्तलिखित, अस्पष्ट आख्या स्वीकार्य नहीं होगी। जिन प्रकरणों में गवाहों के नाम एवं हस्ताक्षर की आवश्यक्ता है, उनमें गवाहों के नाम एवं हस्ताक्षर स्पष्ट रूप से अंकित किया जाय। मा० न्यायालय में विचाराधीन प्रकरणों में वाद संख्या, न्यायालय का नाम एवं वाद की अद्यतन स्थिति इत्यादि का विवरण आख्या में अंकित किया जाय।
रैण्डम गुणवत्ता परीक्षण के अर्न्तगत मा० मुख्यमंत्री कार्यालय से प्राप्त सी श्रेणी सन्दर्भों का विशेष रूचि लेकर त्वरित रूप से निस्तारण कराया जाय। शिकायत के निस्तारण के उपरान्त आवेदक द्वारा दिये गये फीडबैक का गंभीरतापूर्वक परीक्षण कर शिकायत को निस्तारित किया जाय। उन्होने समस्त जनपद स्तरीय अधिकारीरियों को निर्देशित किया है कि उक्त निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन करते हुये यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी सन्दर्भ डिफाल्टर न होने पाये तथा अधिकारी का यूजर्स प्रोफाइल प्रत्येक माह आवश्यकतानुसार संशोधित/सत्यापित किया जाय। शासन की मंशा के अनुरूप जनशिकायतों का समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित किया जाय एवं जनशिकायतों के निस्तारण की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाय। जनशिकायतों के निस्तारण की प्रक्रिया सतत समयबद्ध रूप से सुनिश्चित की जाय। इसमें किसी प्रकार की शिथिलता स्वीकार्य नही की जायेगी।
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