परिवारजनों के पहुंचने से पहले शव को भेज दिया पीएम
बदलता स्वरूप गोंडा। थाना करनैलगंज अंतर्गत एक अधिवक्ता की आज सुबह सड़क हादसे में मौत हो गयी। वह अपनी बाइक से लखनऊ से गोंडा आ रहे थे तभी रास्ते में किसी अज्ञात वाहन ने अधिवक्ता की बाइक में ठोकर मार दी। सूचना मिलने पर परिजन जब तक मौके पर पहुंचते तब तक पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिये भेज चुकी थी। मृतक अधिवक्ता के परिजनों ने हादसे पर सवाल उठाते हुए इसकी शिकायत किए जाने की बात कही है। मिली जानकारी के अनुसार करनैलगंज कोतवाली क्षेत्र के कैथोली गांव के रहने वाले अधिवक्ता जय प्रकाश आयु लगभग 30 वर्ष लखनऊ हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करते थे। सोमवार की सुबह वह किसी काम से अपनी बाइक से लखनऊ से अपने गांव आ रहे थे।
बाराबंकी जिले के मसौली थाना क्षेत्र के बिंदौरा नहर पुल पर पहुंचे थे कि पीछे से किसी अज्ञात वाहन ने उनकी बाइक में ठोकर मार दी। वाहन की ठोकर से जय प्रकाश बाइक से उछल कर सड़क पर जा गिरे और वाहन उनके सिर को कुचलते हुए निकल गया। इस हादसे में जयप्रकाश की मौके पर ही मौत हो गयी। हादसे की सूचना पर पहुंची मसौली थाने की पुलिस ने परिजनों को सूचना दी। परिजन जब मौके पर पहुंचे तो पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज चुकी थी। मृतक के भाई पहलवान यादव ने हादसे पर आशंका जताई है। परिजनों के गले नहीं उतर रही सड़क हादसे की कहानी कोतवाल समेत सात पुसिसकर्मियों के खिलाफ डकैती की रिपोर्ट दर्ज कराने वाले अधिवक्ता जय प्रकाश के सड़क हादसे में मौत परिजनों के गले नहीं उतर रही। परिवार जनों ने आरोप लगाया है कि जानबूझकर इस वारदात को अंजाम दिया गया है और मामले को दबाने के लिए इसे हादसा बताया जा रहा है।
मृतक अधिवक्ता जयप्रकाश के भाई पहलवान ने बताया कि मृतक जयप्रकाश ने करनैलगंज कोतवाल सुधीर सिंह समेत सात पुलिसकर्मियों के खिलाफ बीते 26 मई को ही डकैती का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस उनके भाई से रंजिश रख रही थी। ऐसे में आशंका है कि कहीं रंजिश के तहत तो इस हादसे को अंजाम नहीं दिया गया है। पहलवान का कहना कि पुलिस जिस तरह से हादसे की कहानी बता रही है वह गले से नीचे नहीं उतर रही है। उन्होने इस पूरे मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों व मुख्यमंत्री से करने की बात कही है।
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