बदलता स्वरूप बस्ती। उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान आर्थिक रूप से विपन्न साहित्यकारों को साहित्यकार कल्याण कोष योजना अन्तर्गत आर्थिक सहायता तथा प्रकाशन अनुदान योजना अन्तर्गत रचनाकारों को उनकी पाण्डुलिपि के मुद्रण/प्रकाशन हेतु प्रकाशन अनुदान प्रदान किया जाता है। उक्त जाकनारी देते हुए जिलाधिकारी श्रीमती प्रियंका निरंजन ने बताया है कि जनपद में ऐसे साहित्यकारों/रचनाकारों के लिए आवेदन आमंत्रित है। उन्होने बताया है कि साहित्यकार कल्याण कोष योजनान्तर्गत 60 वर्ष से अधिक आयु के विषम आर्थिक स्थिति ग्रस्त या रूग्ण ऐेसे साहित्यकारों को जिनकी वार्षिक आय (समस्त स्रोतो से) रू0 5.00 लाख से अधिक नही है, उन्हें अधिकतम रू0 50,000 (रू0 पचास हजार) अनावर्तक आर्थिक सहायता दी जाती है।उन्होने बताया कि प्रकाशन अनुदान योजनान्तर्गत ऐसे रचनाकारों को जिनकी वार्षिक आय (समस्त स्रोतो से) रू0 5.00 लाख से अधिक नही है, कुल प्रकाशन पर हाने वाले व्यय का तीन चौथाई भाग, जो रू0 30,000 (रू0 तीस हजार) से अधिक नही होगा। उनकी पाण्डुलिपि के मुद्रण/प्रकाशन हेतु प्रकाशन अनुदान दी जाती है। उन्होने बताया कि दोनों योजनाओं हेतु पात्र साहित्यकार/रचनाकार आवेदन निदेशक, उ0प्र0 हिन्दी संस्थान, राजर्षि पुरूषोत्तमदास टण्डन हिन्दी भवन, 6-महात्मा गॉधी मार्ग, हजरतगंज, लखनऊ, 226001 को आगामी 21 जुलाई 2023 तक कर सकते है। योजनाओं के विवरण एवं प्रार्थना पत्र का प्रारूप संस्थान की वेबसाइट www.uphindisansthan.in पर उपलब्ध है अथवा जिला सूचना कार्यालय से आवेदन पत्र का प्रारूप किसी भी कार्य दिवस में प्राप्त किया जा सकता है।
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