बदलता स्वरूप गोण्डा। नगर के तिवारी पुरवा स्थित कौमारी माता मन्दिर के वार्षिकोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित नव दिवसीय श्री देवीभागवत के कथा पीठाधीश्वर स्वामी रविशंकर महाराज ‘गुरुभाई ‘ ने श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि मां दुर्गा सृष्टि की प्रेरक आदिशक्ति ममतामयी एवं पारव्रह्म हैं। जो अज्ञानता के अन्धकार को दूर कर ज्ञान के प्रकाश से सृष्टि का संचालन करतीं हैं। जब भी इस पृथ्वी पर दैत्य दानवों का अत्याचार अनाचार बढा तो देवताओं ने देवी की शक्ति का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि देवी की अनुकंपा से ही नारी ममता का रूप कहा गया। शास्त्रों में उल्लिखित है कि पुत्र कुपुत्र हो सकता है लेकिन माता कुमाता नहीं होती। कथा पीठाधीश्वर रविशंकर महाराज ने भगवद् महिमा का बखान करते हुए कहा कि भक्तजन आदिशक्ति पारव्रह्म परमेश्वर के परमतत्व की उपासना सगुण – निर्गुण, साकार- निराकार एवं स्त्री- पुरुष आदि किसी रूप में उपासना करते हैं। देवी के आदर्श व उनके ममतामयी रूप को जीवन में उतार कर नारी के प्रति श्रद्धा व राष्ट्र के प्रति समर्पण का भाव जागृत करना देवी भागवत का लक्ष्य है।
इस अवसर पर मुख्य जजमान श्रीमती सीता पत्नी विश्वकर्मा कसौधन,समाजसेवी संदीप मेहरोत्रा, रमेश गुप्ता सुखदेव गुप्ता, जितेश सिंगल, पप्पू, अरुण मिश्रा, अरविंद प्रजापति, प्रकाश आर्य हीरो सभासद, डॉक्टर अमित गुप्ता, डॉक्टर परमानंद, कृष्ण मोहन अग्रवाल, दीपेंद्र मिश्रा, अजय मिश्रा, पप्पू सोनी, दीपक गुप्ता, डॉक्टर किशन जयसवाल, के पी सिंह, संजय गुप्ता, डॉक्टर अनिल आदि मौजूद रहे।
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