बदलता स्वरूप गोण्डा। नगर के तिवारी पुरवा स्थित कौमारी मन्दिर में चल रही श्रीमद्देवी भागवत कथा के चतुर्थ दिवस पर देवी दुर्गा महारानी का प्राकट्य उत्सव हर्ष-उल्लास के साथ मनाया गया। कथा की शुरुआत सर्वजन हिताय-सर्वजन सुखाय प्रार्थना के साथ की गई। कथा पीठाधीश्वर रविशंकर महाराज गुरुभाई ने भक्तगणों को माता जी का नाम संकीर्तन करवाया। चतुर्थ दिवस की कथा में कथा पीठाधीश्वर पूज्य गुरुभाई ने कहा कि मां दुर्गा की महिमा अपरंपार है और उनकी प्रेरणा से ही सृष्टि का संचालन होता है। जड़ चेतन को ऊर्जा मिलती है। जब-जब पृथ्वी या फिर देवताओं पर कोई संकट आया है तब-तब मां ने उनकी रक्षा की है। मां अपने हर भक्त को संकट से दूर रखती हैं और प्रत्येक परिस्थिति में अपनी कृपा बनाए रखती हैं। माता ने राक्षसों के समूल नाश के लिए कई अवतार लिया। कथा पीठाधीश्वर गुरुभाई ने कहा कि देवी के प्रत्येक अवतार में कोई न कोई रहस्य होता है। देवता यक्ष किन्नर सभी मां से प्रेरणा लेते हैं।
पूज्य गुरुदेव ने दुर्गा माँ की महिमा का गुणगान करते हुए बताया की देवी दुर्गा के सावित्री, लक्ष्मी एव पार्वती से अलग भी अनेक स्वरूप हैं। देवी का मुख्य रूप “गौरी” है, अर्थात शान्तमय, सुन्दर और गोरा, शान्त ममतामयी रूप जबकि काली उनका सबसे भयानक रूप है। सृष्टि में मां के दोनों रूपों की महत्ता है। दवी प्रथम रूप से भक्तों का कल्याण और दछसरे रूप से दुराचारियों का विनाश करतीं हैं। इस अवसर पर मुख्य यजमान सीता पत्नी विश्वकर्मा कसौधन, समाजसेवी संदीप मेहरोत्रा, रमेश गुप्ता सुखदेव गुप्ता, जितेश सिंगल, पप्पू, अरुण मिश्रा, अरविंद प्रजापति, प्रकाश आर्य हीरो सभासद, डॉक्टर अमित गुप्ता, डॉक्टर परमानंद, कृष्ण मोहन अग्रवाल, दीपेंद्र मिश्रा, अजय मिश्रा, पप्पू सोनी, दीपक गुप्ता, डॉक्टर किशन जयसवाल, के पी सिंह, संजय गुप्ता, डॉक्टर अनिल आदि मौजूद रहे।
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