बदलता स्वरूप गोंडा। जिला कारागार में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन एवं कारागार का निरीक्षण जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा के सचिव नितिन श्रीवास्तव, अपर जिला जज/एफटीसी द्वारा किया गया। विधिक साक्षरता शिविर के दौरान डिप्टी जेलर शैलेन्द्र त्रिपाठी द्वारा सचिव को अवगत कराया गया कि आज की तिथि में कुल 933 बन्दी कारागार में निरूद्ध हैं, जिसमें से सिद्धदोष बन्दी 172 विचाराधीन बन्दी 747 तथा अस्पताल में कुल 13 बन्दी भर्ती हैं। अस्पताल में भर्ती 13 बन्दियों में से सिद्धदोष बन्दी 04 व विचाराधीन बन्दी 09 हैं तथा 01 एन0एस0ए0 बन्दी है। विधिक साक्षरता शिविर हेतु सचिव द्वारा डिप्टी जेलर शैलेन्द्र त्रिपाठी को आदेषित किया गया कि जिन विचाराधीन बन्दियों की जमानत आज से पूर्व हो चुकी है किन्तु रिहाई नही हुई है, उन्हें इस साक्षरता शिविर में बैठाया जाये। इसके अतिरिक्त जिन बन्दियों को इस माह दोषसिद्ध किया गया है उनको तथा दिनांक-10.07.2023 के पश्चात जो नये विचाराधीन बन्दी कारागार में आये हैं उनको विधिक साक्षरता शिविर में अवश्य बैठाया जाये।
विधिक साक्षरता शिविर को सम्बोधित करते हुये सचिव द्वारा शिविर में उपस्थित बन्दियों से यह कहा गया कि जो बन्दी दिनांक-10.07.2023 के पष्चात जिला कारागार में निरूद्ध हुये हैं उनके पास यदि अधिवक्ता नही हैं तो उसकी सूचना जिला कारागार अधीक्षक के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा को प्रेषित करावें तत्पष्चात उन्हें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा द्वारा निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराया जा सकता है। यदि उनके द्वारा इस बावत प्रार्थना पत्र जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा को प्रेषित किया जाता है क्योंकि निःशुल्क अधिवक्ता प्राप्त करना विचाराधीन बन्दियों का विधिक अधिकार है। इसके साथ ही साथ यहां पर उपस्थित सभी बन्दियों से अनुरोध है कि यदि आप को भविष्य में यह ज्ञात हो कि आपकी बैरक का कोई विचाराधीन बन्दी ऐसा है, जिसके पास अधिवक्ता नही हैं, उसे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा द्वारा तुरन्त निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराया जायेगा। इसके अतिरिक्त यदि कोई बन्दी ऐसा है जिसे उसके द्वारा कारित किये गये अपराध में भारतीय दण्ड संहिता द्वारा जो दण्डादेश निर्धारित किया गया है, यदि वह विचाराधीन बन्दी उस पूर्ण सजा का आधी सजा जेल में काट चुका हो, तो उसे दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 436ए का लाभ प्राप्त होगा एवं वह बन्दी सम्बन्धित न्यायालय द्वारा व्यक्तिगत बन्धपत्र दाखिल करने पर जमानत पर छोड़ दिया जायेगा। इस शिविर में सचिव द्वारा दोषसिद्ध बन्दियों से भी वार्तालाप की गयी। दिनंाक-10.07.2023 तक दोषसिद्ध किये गये 01 बन्दी से जब अपील दाखिल करने के बावत पूंछतांछ की गयी तो उसके द्वारा बतलाया गया कि वह स्वयं मा0 उच्च न्यायालय के समक्ष दाण्डिक अपील दाखिल करेगा। सचिव द्वारा इस शिविर में बताया गया कि यहां पर उपस्थित वे विचाराधीन बन्दी जिनकी जमानत आज के पूर्व हो चुकी है, उनसे जमानत बन्धपत्र अतिशीघ्र न्यायालय के समक्ष दाखिल करने की बात कही गयी। शिविर में उपस्थित 03 बन्दियों द्वारा बतलाया गया कि उनके जमानत बन्धपत्र दाखिल हो चुके है एवं तहसील पर सत्यापन हेतु भेजे गये हैं, 02 बन्दियों द्वारा बताया गया कि उनकी उनके घर की स्थिति ऐसी नही है, कि वे जमानत की शर्तों को पूर्ण कर सकें। सचिव द्वारा उन 02 बन्दियों को अवगत कराया गया कि वे जमानत की शर्तों को शिथिल करने के बावत एक प्रार्थना सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा के नाम प्रेषित करें तत्पश्चात सचिव द्वारा उक्त प्रार्थना पत्र पर बन्दी के सामाजिक-आर्थिक स्थिति के बारे में एक रिपोर्ट जिला प्रोबेषन अधिकारी से मंगाकर उसे सम्बन्धित न्यायालय को प्रेषित करेगें ताकि सम्बन्धित न्यायालय उक्त रिपोर्ट पर विचारकर नियमानुसार जमानत की शर्तों को शिथिल करने के बावत कार्यवाही कर सकें।
विधिक साक्षरता शिविर के उपरान्त सचिव द्वारा जिला कारागार के बैरक नं0-07 का औचक निरीक्षण किया गया तथा उक्त बैरक के प्रत्येक बन्दी से विधिक सहायता, निःशुल्क अधिवक्ता, जिला कारागार के खान-पान एवं स्वास्थ्य सुविधा के बावत जानकारी प्राप्त की। इसके साथ ही साथ उक्त बैरक के बन्दियों से इस बावत पूंछतांछ की गयी कि बैरक के राइटर द्वारा अथवा बड़े बन्दियों द्वारा अन्य बन्दियों के साथ मारपीट या लड़ाई-झगडा तो नही किया जाता। इस पर बैरक नं0-7 के बन्दियों द्वारा अवगत कराया गया कि कभी-कभी विस्तर को लेकर कुछ बन्दियों में कहा-सुनी हो जाती है किन्तु मारपीट नही होती है। सचिव द्वारा डिप्टी जेलर को आदेशित किया गया कि किसी भी बैरक में बन्दियों के मध्य आपस में लड़ाई-झगडा अथवा मारपीट न होने पाये। इसी निरीक्षण के दौरान जिला कारागार की बैरंक नं0-7 के कुछ बन्दियों द्वारा निःशुल्क विधिक सहायता हेतु अधिवक्ता दिलाये जाने के सम्बन्ध में कहा गया, सचिव द्वारा डिप्टी जेलर को आदेशित किया गया कि इन बन्दियों के प्रार्थना पत्र लेकर उसे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को प्रेषित करायें। निरीक्षण के दौरान सचिव द्वारा पाकशाला का भी निरीक्षण किया गया। पाकशाला में सायंकालीन भोजन की तैयारियां की जा रही थी। पाकशाला इन्चार्ज द्वारा बताया गया कि सायंकालीन भोजन में आज बन्दियों को रोटी, चावल, दाल-साबूत मसूर व आलू तरोई की सब्जी दी जायेगी। पाकशाला में साफ-सफाई थी, बर्तन भी साफ-सुथरे थे। इसके उपरान्त सचिव द्वारा जिला कारागार के अस्पताल का निरीक्षण किया गया। जिला कारागार के अस्पताल के निरीक्षण के दौरान जिला कारागार के अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं बन्दियों से मुलाकात की गयी तथा हाल-चाल पूंछा गया। कारागार के अस्पताल के निरीक्षण के दौरान डाक्टर डा0 ए0पी0सिंह को निर्देषित किया गया कि बीमार बन्दियों की उचित देखभाल एवं दवाइयों की व्यवस्था सुनिष्चित करे।
डिप्टी जेलर शैलेन्द्र त्रिपाठी एवं डाक्टर डा0ए0पी0सिंह को आदेशित किया गया कि जो बन्दी बीमार हो एवं उसे कारागार अस्पताल में भर्ती कराना आवश्यक हो उसे ही कारागार अस्पताल में भर्ती किया जाये। आज के विधिक साक्षरता शिविर एवं निरीक्षण के दौरान डिप्टी जेलर शैलेन्द्र त्रिपाठी एवं अन्य बन्दी रक्षक तथा ए0डी0आर0 के कनिष्ठ लिपिक कन्हैया लाल तिवारी व अंकित वर्मा उपस्थित रहे।