बदलता स्वरूप अयोध्या। 14 कोसी परिक्रमा मार्ग चौड़ीकरण में भूमाफियाओं को लाभ पहुँचाने के लिए परम्परागत मार्ग परिवर्तन के सम्बन्ध में तपस्वी छावनी मे जगतगुरु परमहंस आचार्य औऱ कृपाकांक्षी व श्रद्धालुगण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा कि 14 कोसी परिक्रमा मार्ग के चौड़ीकरण में कुछ संपन्न लोगों को बचाने के लिए वर्षों से चली आ रही परंपरा के अनुसार मार्ग को केवल अफीम कोठी से आकाशवाणी केंद्र तक मात्र 1.5 किलोमीटर मार्ग को ही बदला जा रहा है जो कुछ धनवान लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए किया जा रहा है परंपरागत मार्ग बदलने निम्नलिखित विसंगतियां व समस्याएं हैं। वही उन्होंने कहा कि भगवान लव कुश द्वारा बनवाया गया प्राचीन पौराणिक विघ्नेश्वर नाथ मंदिर के दर्शन से लाखों श्रद्धालुओं वंचित रह जाएंगे तथा जन भावना आहत होगी महाशिवरात्रि के अवसर पर अनेक स्थानों से बरात चलकर इसी मंदिर पर आती है इसके अलावा चार पांच छोटे और मंदिर भी हैं।जनता की भावनाओं तथा श्रद्धा के अनुसार परंपरागत मार्ग को ही रहने दिया जाए। कुछ संपन्न लोगों के लाभ के लिए जो परिवर्तन किया जा रहा है उसे केवल धनवान लोगों को बचाने के लिए किया जाए, यदि परिवर्तित करना है तो जमथरा रोड से परिवर्तित किया जाए जिससे गरीब, बेसहारा तथा मजलूमो को भी बचाया जा सके माननीय मोदी जी की तथा माननीय मुख्यमंत्री योगी जी की गरीब नेवाज छवि को भी ध्यान में रखा जाए।
प्रस्तावित परिवर्तन के मार्ग में लगभग 1000 अमरूद के पेड़ों को काटना पड़ेगा तथा लगभग 200 अन्य पेड़ों काटे जाएंगे जो पर्यावरण की दृष्टि से हानिकारक है तथा फलदार वृक्षों का रोपण तथा सुरक्षा की माननीय मुख्यमंत्री जी की मंशा के विपरीत कार्य होगा।नए प्रस्तावित मार्ग में लगभग 8 फीट का मिट्टी पटान व् लागत अधिक होने बाद भी मार्ग परिवर्तित किया जा रहा है अतः जन भावना, जन श्रद्धा, गरीबों के हित और पर्यावरण के दृष्टिगत परंपरागत मार्ग को ना बदला जाए, अयोध्या नगरी में भी परिक्रमा पथ को नहीं बदला गया है।
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