बदलता स्वरूप जमुनहा-श्रावस्ती। आज विधिक साक्षरता शिविर महिलाओं के हित संरक्षण एवं उनको कानूनी जानकारी के सम्बन्ध में तथा सर्वाइकल कैंसर, गंभीर स्त्री रोगों से बचाव तथा महिलाओं के कानूनी अधिकार विषय का आयोजन जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देवेन्द्र सिंह के निर्देशन में एवं सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण/अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, श्रावस्ती के मार्गदर्शन में किया गया। उक्त कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अजय सिंह-। सचिव द्बारा लोगों को निर्देशित कर बताया गया कि पुराने जमाने से ही कहा जा रहा है कि औरते पैदा नहीं होती अपितु बनती है एवं उनमें दुनिया को बदलने की ताकत होती है, असमानता और संघर्ष की स्थिति में भी महिलाएं ऊपर उठने की क्षमता के साथ काम करती हैं और न केवल अपने जीवन को बदलती हैं बल्कि अपने पूरे समुदाय को बदलने का हौसला रखती है, तथा राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, द्वारा गरीब व असहाय को दिलाये जा रहे पीड़ित क्षतिपूर्ति योजना, निःशुल्क विधिक सहायता, के बारे में जागरूक किया।
इसी क्रम में मुख्य अतिथि श्रीमती करूणा सिंह, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, श्रावस्ती ने उपस्थित महिलाओं को बताया कि आज भारत के विकास और उन्नति में नारीशक्ति का योगदान अतुल्य हैं। इतिहास में भी महिलाओ ने विशिष्ट भूमिका निभाई हैं, जैसे कि भारतीय नारीवाद की जननी -सावित्रीबाई फुले, जिन्होंने देश में लड़कियों के लिए पहला स्कूल शुरू करके देश में साक्षरता का नया दीपक जलाया, जिससे महिलायें आत्मनिर्भर हो पायी, ताराबाई शिंदे, जिनकी कृति स्त्री पुरुष तुलना को पहला आधुनिक नारीवादी पाठ माना जाता है।
इसी क्रम में फरीद खान, सचिव तहसील विधिक सेवा समिति/तहसीलदार जमुनहा ने बतया कि विश्व भर में समय-समय पर महिलाओं के अधिकारों के लिए आवाज उठती रही है। भारत में महिला सामाजिक रीति-रिवाजों द्वारा शोषित और दमित होती रही हैं। स्वतंत्रता प्राप्ति के पूर्व भी महिलाओं पर अत्याचारों की संख्याओं में कोई कमी नहीं थी तथा स्वतंत्रता के बाद भी महिलाओं के संबंध में अत्याचार और अपराध निरंतर घटित हो रहे थे।
इसी क्रम में श्रीमती सरिता मिश्रा, महिला कल्याण अधिकारी, श्रावस्ती ने कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं को प्रकृति के विरुद्ध अपराध धारा 377, दहेज संबंधी अपराध, आईपीसी 304 बी, आईपीसी धारा 498-ए, दूसरा विवाह, घरेलू हिंसा अधिनियम एवं महिला आरोपी की दंड प्रक्रिया संहिता 1973 के अंतर्गत सुरक्षा तथा अन्य प्रकार की सुरक्षा के बारे में जानकारी देकर उन्हें जागरूक किया।
उक्त कार्यक्रम में मुख्य चिकित्साधिकारी श्रावस्ती द्वारा नामित महिला चिकित्सक डॉ0 प्रतिभा शुक्ला ने उपस्थित महिलाओं को सर्वाईकल कैंसर के लक्षण, बचाव और इलाज तथा उससे सम्बन्धित टीकाकारण के बारे में एवं गर्भ का चिकित्सीय समापन अधिनियम 1971, गर्भ धारण पूर्व तथा प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम 1994, स्तन कैंसर, आदि गंभीर स्त्रीजनित रोगों से बचाव हेतु विस्तार से बताया। इस दौरान उनके साथ डॉ0 ए0के0 तिवारी भी उपस्थित रहे।
उक्त कार्यक्रम में शुभम् तिवारी नायब तहसीलदार जमुनहा, सतीश कुमार शर्मा, सीओ मल्हीपुर, कार्यक्रम का संचालन इस शिविर कार्यक्रम के रिसोर्स पर्सन/पैनल अधिवक्ता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, श्रावस्ती अशोक कुमार शर्मा एड0 द्वारा किया गया। दिनेश पटेल चीफ एलएडीसी, जगदम्बा त्रिपाठी, डिप्टी चीफ एलएडीसी, अरूण कुमार श्रीवास्तव, असिस्टेंट एलएडीसी, संजय सिंह असिस्टेंट एलएडीसी श्रावस्ती गीता सिंह, सपना, आरती देवी, छोटकन्ना, पूनम, रीता वर्मा, सुनीता तथा समस्त पी0एल0वी0 जमुनहा क्षेत्र तथा अन्य ग्रामवासी उपस्थित रहे।
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