बदलता स्वरूप श्रावस्ती। जिलाधिकारी कृतिका शर्मा ने तहसील भिनगा के अन्तर्गत लक्ष्मनपुर कोठी स्थित राप्ती बैराज का आकस्मिक निरीक्षण कर जायजा लिया। इस दौरान जिलाधिकारी ने राप्ती बैराज के दायें तरफ राप्ती लिंक चैनल का टेल रेगुलेटर के चारों गेट की गहनता से निरीक्षण किया तथा गेटों का आपरेशन भी कराया गया। उन्होने बायें तरफ राप्ती मुख्य नहर का भी निरीक्षण किया। जहां पर राप्ती से मुख्य नहर का संचालन होता है। पूर्वान्ह 10.30 बजे डिर्स्चाज 3002 क्यूसेक था, जो फुल डिस्चार्ज पर चल रहा था। उन्होने राप्ती नदी के घटते-बढते जल स्तर पर निरन्तर निगरानी रखने हेतु सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिया। उन्होने कहा कि यदि नेपाल से पानी छोड़ने के बाद सम्भावित बाढ की स्थिति पैदा हुई तो राहत एवं बचाव कार्य के साथ ही सरकार द्वारा प्रदत्त सभी सुविधाएं उन्हें तत्काल मुहैया कराये जाने की व्यवस्था सुनिश्चित रखी जाए।
जिलाधिकारी के निरीक्षण के दौरान राप्ती बैराज पर जल स्तर का माप कराये जाने पर 127.00 सेंटीमीटर तथा डिस्चार्ज 18720 क्यूसेक पाया गया, जो खतरे के निशान से 70 सेंटीमीटर कम था, जबकि बैराज पर खतरे का निशान 127.70 सेंटीमीटर है। उन्होने जिला स्तर पर स्थापित बाढ़ कन्ट्रोलरूम के साथ ही सभी बाढ़ चौकियों पर तैनात अधिकारियों/कर्मचारियों को हमेशा सक्रिय रखने का निर्देश दिया है। उन्होने कहा कि राप्ती नदी के घटते-बढ़ते जलस्तर को देखते हुए सम्भावित बाढ़ के मद्देनजर राहत एवं बचाव कार्य के लिए सभी तैयारियां पहले से ही चुस्त-दुरूस्त कर ली जाएं, ताकि यदि सम्भावित बाढ़ आ भी जाती है तो तत्काल लोगों को राहत पहुंचाया जा सके।इसके उपरान्त जिलाधिकारी ने मुख्य नहर से दोनों ओर तुलसीपुर रजवाहा एवं ददौरा रजवाहा निकल रही है, का भी निरीक्षण कर जायजा लिया। इस दौरान सरयू नहर सहित रजवाहा एवं माइनरें चलती पायी गई। ददौरा रजवाहा से निकलने वाली क्रमशः दिकौली नहर, केशवापुर पजावा, शाहपुर कठौतिया के माइनरों के हेड पर जाकर भी निरीक्षण कर जायजा लिया, जिलाधिकारी ने सरयू मुख्य नहर के किलोमीटर 53.200 पर बने क्रास रेगुलेटर को देखा गया। इस दौरान अधिशासी अभियंता सरयू नहर खण्ड-6 अजय कुमार ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि राप्ती मुख्य नहर से लगभग 15 नहरों के निकलने की जानकारी दी। उन्होने बताया कि राप्ती मुख्य नहर बैराज के लक्ष्मणपुर कोठी एवं परसा डेहरिया विगत वर्ष बाढ़ से प्रभावित हुआ था, इन दोनों गांवों को बाढ़ से बचाने के लिए सुरक्षा के दृष्टिकोण से कटान निरोधी कार्य कराये गये है। जिलाधिकारी ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिया कि यह जनपद सम्भावित बाढ़ के दृष्टिकोण से संवेदनशील है, इसलिए राप्ती बैराज पर घटते-बढ़ते जल स्तर की चौबीसों घंटे निरन्तर मॉनिटरिंग की जाय।
इस दौरान जिलाधिकारी ने सरयू नहर के संचालन की स्थिति की भी जानकारी ली तथा रोस्टर के मुताबिक नहर के संचालन हेतु निर्देशित किया। उन्होने कहा कि आजाद भारत की अब तक की सबसे बड़ी नहर परियोजना सरयू नहर परियोजना है। इस परियोजना से 9 जिलों (बहराइच, गोण्डा, श्रावस्ती, बलरामपुर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, संतकबीर नगर, गोरखपुर व महाराजगंज) की लगभग साढ़े 14 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित की जा रही है, जिससे लगभग 30 लाख किसानों को लाभान्वित किया जा रहा है। इसके साथ ही जनपद श्रावस्ती के लगभग 211 गांवों के किसानों को नहर से सिंचाई की सुविधा मिल रही है, जिससे 34800 हेक्टेयर भूमि सिंचित की जा रही है।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कलकलवा-मर्जिनल बांध का निरीक्षण कर जायजा लिया तथा ग्रामीणों से मिलकर उनका कुशल क्षेम भी जाना। इस दौरान उन्होने माइनर पर 0.350 किलोमीटर पर बने ओपनिंग का भी अवलोकन कर जायजा लिया। इस अवसर पर उपजिलाधिकारी जमुनहा रामप्यारे, सहायक अभियंता अशोक कुमार, अवर अभियंता क्रमशः रवि यादव, सुनील वर्मा, सर्वेश कुमार मौर्य सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारी गण एवं ग्रामवासी उपस्थित रहे।