माना यह जीवन चुनौतियों से भरा हुआ
तुम्हें पर्वत सा दृढ़ बनना होगा।
छोड़कर इस सरल जीवन को
तुम्हें संघर्ष को चुनना होगा।
माना की बाधाएं रोक रही
तुमको नदियों सा बहना होगा।
असफलता से ना डर कर
जीवन में आगे बढ़ना होगा।
यदि बुलंदियों को छूना है तो
अंबर को चीर निकलना होगा।
लोगों से ना होकर फिर भी
खुद में बेहतर बनना होगा।
यदि श्रेष्ठ बनना है तो
अर्जुन सा लक्ष्य रखना होगा।
छोड़कर इस सरल जीवन को
तुम्हें संघर्ष को चुनना होगा,
तुम्हें संघर्ष को चुनना होगा।।।।

रचेताकार- अंकित पांडे
आयु-16 वर्ष
पिता -शिवनाथ पांडे
विद्यालय- एम्स इंटर कॉलेज गोंडा ।।
Badalta Swaroop | बदलता स्वरुप Latest News & Information Portal