बदलता स्वरूप गोण्डा। श्री तुलसी जन्मभूमि न्यास एवं सनातन धर्म परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ स्वामी भगवदाचार्य जी महाराज ने कहा कि श्रीरामचरितमानस के रचयिता विश्वकवि गोस्वामी तुलसीदास जी का जन्म श्रावण शुक्ल सप्तमी को गुरू नरहरीदास आश्रम पसका सूकरखेत के पास तुलसीधाम राजापुर गांव में हुआ था। इस वर्ष यह तिथि 23 अगस्त को पड़ रही है। गोस्वामी तुलसीदास की लोकप्रियता के कारण तुलसी जयन्ती के सन्दर्भ में देश-विदेश में कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। इसी क्रम में जिले के राजापुर में भी यह कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। इसमें देशभर से आये तुलसी के मर्मज्ञ विद्वान और अन्य क्षेत्रों से जुड़े लोग अपने विचार व्यक्त करेंगे। इस अवसर पर श्रीरामचरितमानस पर भी चर्चा की जायेगी। स्वामीजी ने कहा कि कुछ व्यक्तियों ने श्रीरामचरितमानस की आलोचना की थी। उन लोगों को भी अपनी बात कहने के लिए निमंत्रण भेजा गया है। कार्यक्रम की अध्यक्षता न्यायपालिका के जुड़े लोग करेंगे। श्रीरामचरितमानस भारतीय संस्कृति का मानक ग्रन्थ है। इसकी पहुँच झोपड़ी से लेकर महलों तक है। गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस हमारे जीवन के संघर्षों में हमें आत्मबल प्रदान करता है। तुलसीदास जी की जन्मभूमि के बारे में कुछ लोग विवादास्पद बातें भी करते है।
इस सम्बन्ध में कहना है कि अब तुलसीदास जी का जन्मस्थान गोण्डा जिले का तुलसीधाम राजापुर निर्विवाद सिद्ध हो गया है। हमने सरकार को भी पत्र लिखा है कि वह अपने यहाँ पाठ्य पुस्तकों में संशोधन करके छात्रों को सही जानकारी दें। सरकार से आग्रह है कि वह गोस्वामी तुलसीदास जी की स्मृति में गोस्वामी तुलसीदास विश्वविद्यालय की स्थापना करें और तुलसीधाम राजापुर सूकरखेत को तुलसी जन्मभूमि घोषित करें।
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