क्या हो रहा है विकास कार्यों में भ्रष्टाचार, जांच तो बनती है

अजय सिंह
बदलता स्वरूप सीतापुर। सरकार द्वारा संचालित की जा रही विकास योजनाओं में घोटाले के संकेत मिल रहे हैं। ग्राम पंचायत सीतारसोई में जो धन शासन द्वारा विकास को गति पहुंचाने लिए भेजा जा रहा है उसमें भ्रष्टाचार होने के खुले संकेत मिल रहे हैं हालांकि जांच हो तभी पता चलेगा हकीकत क्या है। आखिरकार क्या सही है, क्या वास्तविकता है, क्या भ्रष्टाचार की आधारशिला पर पंचायत सीतारसोई में विकास कार्य हो रहे हैं? बताते हैं कि ग्राम विकास अधिकारी/सचिव प्रदीप चौधरी की पंचायत में जिस तरीके से विकास के पैमाने को आंका गया वह हैरत में डालता है क्या इसी तरीके से कार्य होता है कुछ महीनों पहले बनी नालियां पत्थर टूट कर बिखर चुके हैं, क्या यही मानक है? तो वही सामुदायिक शौचालय में अव्यवस्था का माहौल देखा गया, जिसमें केयरटेकर पुष्पा देवी द्वारा चयनित समूह के सदस्य ने बताया कि रखरखाव का इंतजाम सेक्रेटरी साहब स्वयं देखते हैं और सामुदायिक शौचालय में रखरखाव के नाम पर एक मग और बाल्टी मिली है। क्या यही व्यवस्था है जबकि सामुदायिक शौचालय को 3000 मासिक रखरखाव के लिए भेजा जाता है, आखिर यह पैसा कहां जा रहा है। सोचने वाला विषय है जो यह संदेह प्रतीत करता है कि विकास कार्यों में क्या भ्रष्टाचार हो रहा है? क्या जांच कर कार्यवाही होगी यह तो आगे पता चलेगा जब प्रकरण में जांच हो।

बाक्श

एडीओ पंचायत कसमंडा ओमेंद्र पाल सिंह बताते हैं

एडीओ पंचायत कसमंडा ओमेंद्र पाल सिंह से इस पर जानकारी देते हुए कहा कि जांच की जाएगी और संबंधित सचिव से पूछा जाएगा, क्योंकि खाते पर ही पैसा भेजा जाता है जांच होगी तभी पता चलेगा।