बदलता स्वरूप गोंडा। वृद्ध आश्रम में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन तथा वृद्धाश्रम का निरीक्षण जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव नितिन श्रीवास्तव अपर जिला जज की अध्यक्षता में किया गया। इस अवसर पर वृद्ध आश्रम के प्रभारी प्रबन्धक योगेश द्वारा सचिव को जानकारी देते हुए बताया गया कि इस समय वृद्धाश्रम में कुल 92 वृद्धजन रजिस्टर्ड हैं, जिनमें से 61 पुरूष तथा 31 महिलायें हैं। आज की तिथि में वृद्धाश्रम में कुल 81 वृद्धजन उपस्थित हैं, जिनमें से 54 पुरूष एवं 27 महिलायें हैं तथा 11 वृद्धजन में से कुछ वृद्धजन, वृद्ध आश्रम के बाहर व्यक्तिगत कार्य से अथवा अपने रिश्तेदारों के यहां गये हुये हैं। सचिव द्वारा बताया गया कि उत्तराधिकार एवं भरण पोषण अधिनियम, 1956 की धारा 20, वृद्धजनों को अपने बच्चों से भरण-पोषण प्राप्त करने का प्रावधान करती है। धारा 23 में न्यायालय के द्वारा भरण पोषण की धनराशि निर्धारित करने के सम्बन्ध में उपबन्ध दिये गये हैं। वर्तमान में न केवल पुत्र बल्कि पुत्रियों पर भी अपने माता-पिता के भरण-पोषण का दायित्व दिया गया है। यहां तक कि न केवल नैसर्गिक माता-पिता बल्कि दत्तक माता-पिता भी भरण-पोषण प्राप्त कर सकते हैं।
उनके द्वारा आगे यह भी बताया गया कि जो वृद्ध अपने उत्तराधिकारी या रिश्तेदार को उपहार स्वरूप या फिर उनका हक मानते हुए अपनी सम्पत्ति उन्हें अन्तरित कर देते हैं तत्पष्चात उन्हे भरण पोषण एवं स्वास्थ्य सम्बन्धी आवश्यकताओं की प्राप्ति नही होती है, तो वह विधि अनुसार अपनी सम्पत्ति वापस प्राप्त कर सकते हैं और सम्पत्ति का अन्तरण रद्द करवा सकते हैं। विधिक साक्षरता शिविर के दौरान सचिव द्वारा वृद्धजनों को बतलाया गया कि केन्द्र सरकार/राज्य सरकार द्वारा वृद्धजनों के लिये वृद्धावस्था पेंशन की व्यवस्था की गयी है तथा वृद्धजन उक्त पेंशन को प्राप्त करने के अधिकारी हैं। इस दौरान कुछ वृद्धजनों द्वारा अवगत कराया गया कि उन्हें मार्च 2023 के पश्चात से अभी तक कोई पेंशन नही मिली है, जिस पर सचिव द्वारा प्रभारी प्रबन्धक वृद्धाश्रम से इस बावत की जानकारी ली गयी। प्रबन्धक वृद्ध आश्रम द्वारा सचिव को अवगत कराया गया कि मार्च 2023 के बाद अभी तक पेंशन नही आयी है। सचिव द्वारा प्रभारी प्रबन्धक वृद्धाश्रम को आदेशित किया गया कि वृद्धजनों के पेंशन के बावत जिला समाज कल्याण अधिकारी गोण्डा से पत्राचार करें तथा जिन वृद्धजनों की पेंशन नही बंधी है, उनके पेंशन बनवाने के बावत आवश्यक कार्यवाही करे।
निरीक्षण के दौरान एक महिला शकुन्तला द्वारा अवगत कराया गया कि वह निराश्रित महिला है, उसके पति ने दूसरी शादी कर ली है, जिस कारण वह यहां पर रह रही है, उसका कोई नही है तथा उसके पास पेंशन जैसी कोई सुविधा नही है। इस पर सचिव द्वारा प्रभारी प्रबन्धक को आदेशित किया गया कि शीघ्र ही उस वृद्ध महिला को पेंशन दिलाये जाने के सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही कराना सुनिश्चित करावें। सचिव द्वारा वृद्धजनों से खान-पान के बावत पूंछतांछ की गयी, जिस पर वृद्धजनों द्वारा बताया गया कि उन्हें आज खाने में दाल-चावल, रोटी व कोफ्ते की सब्जी मिली है। वृद्धजनों के रहने के कमरे व विस्तर साफ-सुथरे पाये गये। प्रभारी प्रबन्धक द्वारा अवगत कराया गया कि 10 दिन पूर्व ही उन्हें विछाने हेतु नई चद्दरें दी गयी हैं। निरीक्षण के दौरान देखा गया कि वृद्ध आश्रम में बने पानी के स्थान पर तथा यूरिनल की जगह साफ-सफाई नही थी, जिसकी सफाई के लिये प्रभारी प्रबन्धक को आदेशित किया गया तथा वृद्ध आश्रम में रह रहे वृद्धजन की संख्या को देखते हुये एक-दो यूरिनल की अतिरिक्त व्यवस्था कराने हेतु आदेशित किया गया। वृद्ध आश्रम में बनी सभी नालियां खुली थीं, जिसके बावत प्रभारी प्रबन्धक को आदेशित किया गया कि वे अतिशीघ्र सभी खुली नालियों को बन्द नालियों में परिवर्तित करायें। इस अवसर पर वृद्ध आश्रम के कर्मचारीगण तथा ए0डी0आर0 के कनिष्ठ लिपिक कन्हैया लाल तिवारी व अंकित वर्मा उपस्थित रहे।