बदलता स्वरूप बलरामपुर। मंगलवार को सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल में डॉ राधा कृष्णन की जयंती को शिक्षक दिवस के रूप बड़े हर्षोलास के साथ मनाया गया। विद्यालय के प्रधानाचार्य राम तीरथ यादव ने कार्यक्रम में मौजूद मुख्य अतिथि एमएलके पीजी कालेज के प्रोफेसर डॉ केके सिंह एवं विशिष्ट अतिथियों मातृ संगठन के जिला प्रचारक अनिल , विद्यालय के पूर्व प्रबंधक व संरक्षक इंदु भूषण जायसवाल एवं विद्यालय के प्रबंधक डॉ सतीश सिंह का परिचय करते हुए सभा को संबोधित किया। उन्होंने डॉ सर्वपल्ली राधा कृष्णन के व्यक्तित्व व कृतित्व पर डाला। इसी क्रम में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एम एल के पी जी काॅलेज के प्रोफेसर डॉ के के सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षक हमारे जीवन के स्तंभ होते हैं। वह अपना अमूल्य समय देकर हमारे जीवन को संवारते हैं और आगे बढ़ाते हैं। शिक्षक ना सिर्फ हमें शिक्षा देते हैं बल्कि वह हमेशा हमें अच्छा इंसान बनाने की कोशिश करते रहते हैं। इसी कड़ी में जिला प्रचारक अनिल सिंह ने भी सभा को संबोधित करते हुए बताया कि सर्वपल्ली डॉ राधाकृष्णन का जन्म पांच सितंबर को हुआ था। जिन्हें 1962 में भारत के राष्ट्रपति चुना गया। इन्होनें अपने मित्रों और पूर्व छात्रों से संपर्क करके उनसे अनुरोध किया कि वे अपने जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाये यह उनके लिए सम्मान की बात होगी। तभी से पांच सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता हैं और मै इस अवसर पर यह कहना चाहता हूँ कि शिक्षक का हमारे जीवन में अमूल्य योगदान है। शिक्षकों के बिना यह मानव जीवन सार्थक नहीं है। हर किसी के जीवन में एक गुरु का होना बेहद आवश्यक है। इसलिए हम सभी को सदा शिक्षकों का मान सम्मान करना चाहिए और उनके बताये हुए मार्गो पर चलना चाहिए। इसे पूर्व माँ सरस्वती व राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलित से प्रारंभ किया गया।
इसके पश्चात विद्यालय के कई वक्ताओं ने शिक्षक दिवस पर अपने अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम के अंत में प्रधानाचार्य राम तीरथ यादव ने आये हुए अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर विद्यालय सभी आचार्यगण, कर्मचारी व छात्र- छात्रा मौजूद रहे।