बदलता स्वरूप गोंडा। जिला जज ब्रजेन्द्र मणि त्रिपाठी के निर्देशानुसार जिला कारागार गोण्डा में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन एवं कारागार का निरीक्षण जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा के सचिव नितिन श्रीवास्तव अपर जिला जज द्वारा किया गया। उक्त साक्षरता शिविर के दौरान डिप्टी जेलर व प्रभारी जेल अधीक्षक शैलेन्द्र कुमार त्रिपाठी द्वारा सचिव को अवगत कराया गया कि आज की तिथि में कुल 995 बन्दी कारागार में निरूद्ध हैं, जिसमें से सिद्धदोष बन्दी 171 विचाराधीन बन्दी 808 तथा अस्पताल में कुल 15 बन्दी भर्ती थे, जिनमें से सिद्धदोष बन्दी 03 व विचाराधीन बन्दी 12 हैं तथा 01 एन0एस0ए0 बन्दी है। विधिक साक्षरता शिविर के दौरान सचिव द्वारा कारागार में निरूद्ध विचाराधीन बन्दियों को बताया गया कि जिन विचाराधीन बन्दियों की जमानत आज से पूर्व हो चुकी है किन्तु जमानत बन्ध पत्र दाखिल न होने के कारण उनकी रिहाई अभी तक नही हुई है, वह अतिशीघ्र न्यायालय में जमानत बन्ध पत्र दाखिल करावें तथा जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नही है, वे इस सन्दर्भ में कारागार में नियुक्त पीएलवी अथवा जेल के पैनल अधिवक्ता के माध्यम से एक प्रार्थना पत्र सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा के नाम प्रेषित करावें। तत्पश्चात उनके रिहाई के सम्बन्ध में नियमानुसार विधिक कार्यवाही की जायेगी। इस षिविर के दौरान सचिव द्वारा विगत साक्षरता शिविर के पश्चात जिला कारागार में आये नये बन्दियों से भी मुलाकात की गयी तथा उनसे कहा गया कि वे अपने प्रकरणों की पैरवी अधिवक्ता के माध्यम से करायें, यदि कोई बन्दी आर्थिक विपन्नता के कारण अधिवक्ता नियुक्त करने में असमर्थ है तो उसे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा द्वारा निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराया जायेगा। साक्षरता शिविर के दौरान ही कतिपय पुरूष बन्दी ने निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में याचना की। सचिव द्वारा शीघ्र ही जेल के पी0एल0वी0 राजमणि शुक्ला को बन्दियों के लिये निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में प्रार्थना पत्र लिखकर बन्दियों द्वारा हस्ताक्षरित अथवा निशानी अंगूठा लगवाकर उसको जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा को प्रेषित करने हेतु निर्देशित किया। इसी दौरान सचिव द्वारा महिला बैरक में भी साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। महिला बैरक में उक्त शिविर के दौरान महिला बैरक की प्रभारी श्रीमती रंजना शुक्ला से पूंछतांछ के दौरान बताया कि वर्तमान में 60 महिला बन्दी एवं 06 बच्चे रह रहे हैं। इस दौरान सचिव द्वारा उन नई महिला बन्दियों से मुलाकात की गयी, जो इस दौरान महिला बैरक में आई हैं, उनसे अधिवक्ता के बारे में पूंछतांछ की गयी, जिस पर बैरक में आई नई महिला बन्दियों द्वारा सचिव को अवगत कराया गया कि उनके पास अपने अधिवक्ता हैं। पूर्व से निरूद्ध एक महिला बन्दी द्वारा कहा गया कि उसके वाद की पैरवी करने हेतु कोई अधिवक्ता नही है। सचिव द्वारा उसे शीघ्र ही निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया तथा उप कारापाल को आदेशित किया कि उक्त महिला बन्दी से निःशुल्क अधिवक्ता के सम्बन्ध में प्रार्थना लेकर उसे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा को प्रेषित करावें। इसी दौरान सचिव द्वारा किशोर बैरक का गहनता से निरीक्षण किया गया।
निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि 04 बन्दी ऐसे हैं, जिनकी आयु 18 वर्ष से कम आयु के प्रतीत होती है। आयु परीक्षण हेतु जेलर शिव प्रताप मिश्र को आदेशित किया गया कि शीघ्र ही उनके आयु निर्धारण के सम्बन्ध कोई प्रमाण अवश्य ले लिया जाये ताकि उक्त के सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही की जा सके। निरीक्षण के दौरान सचिव द्वारा पाकशाला का भी निरीक्षण किया गया। पाकशाला में सायंकालीन भोजन की तैयारियां की जा रही थी। पाकशाला इन्चार्ज द्वारा बताया गया कि सायंकालीन भोजन में आज बन्दियों को रोटी, चावल, दाल-मसूर व आलू, कद्दू की सब्जी दी जायेगी। पाकशाला में साफ-सफाई थी, बर्तन भी साफ-सुथरे थे। इसके उपरान्त सचिव द्वारा जिला कारागार के अस्पताल का निरीक्षण किया गया। जिला कारागार के अस्पताल के निरीक्षण के दौरान जिला कारागार के अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं बन्दियों से मुलाकात की गयी तथा हाल-चाल पूंछा गया। कारागार के अस्पताल के निरीक्षण के दौरान डाक्टर डा0 ए0 पी0सिंह को निर्देशित किया गया कि बीमार बन्दियों की उचित देखभाल एवं दवाइयों की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
जेलर शिव प्रताप मिश्र एवं डाक्टर डा0ए0पी0सिंह को आदेशित किया गया कि जो बन्दी बीमार हों तथा उसे कारागार अस्पताल में भर्ती कराना आवश्यक हो, तो ही उसे कारागार अस्पताल में भर्ती किया जाये। आज के विधिक साक्षरता शिविर एवं निरीक्षण के दौरान जेलर शिव प्रताप मिश्र, डिप्टी जेलर विवेक सिंह एवं अन्य बन्दी रक्षक तथा ए0डी0आर0 सेन्टर के कनिष्ठ लिपिक अंकित वर्मा व चपरासी राहुल मिश्रा उपस्थित रहे।