बदलता स्वरूप गोंडा। विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर बुधवार को ‘श्री लाल बहादुर शास्त्री स्नातकोत्तर महाविद्यालय के शोध निदेशक प्रो. शैलेन्द्र नाथ मिश्र ने ‘साहित्यिक पर्यटन’ के विकास की संभावनाओं पर प्रकाश डालते हुए साहित्य के नये पर्यटन स्थल की घोषणा की । श्री मिश्र ने कहा कि साहित्य का यह पर्यटन मगहर; कबीर निर्वाण स्थली से शुरू होकर आचार्य रामचंद्र शुक्ल की जन्मभूमि बस्ती जनपद ‘अगौना’ से गुजरता हुआ सूकरखेत; गोस्वामी तुलसी दास की गुरु भूमि ,जन्मभूमि तक व्याप्त है। कुल 150किमी तक का इस लोक मंगल पथ कबीर ,आचार्य रामचंद्र शुक्ल और तुलसी के इस लोकपथ की प्रथम यात्रा दिनांक 04 अक्टूबर, को ‘मगहर’ से शुरू हो सूकर खेत तक लोक मंगल यात्रा की जाएगी ।इस पर गो़डा जनपद के ‘गांधी -पार्क टाउनहाल’ एवं ‘लखनऊ -विश्वविद्यालय’ में गोष्ठियां भी आयोजित हो चुकी हैं। यह ऋजुरेखीय लोकमंगलकारी साहित्यिक भौगोलिक पथ है जो दुनियाभर के तमाम लेखकों, साहित्यकारों, रचनाकारों पाठकों लिए साहित्य तीर्थ होने जा रहा है। यह यात्रा लोक से वेद , मैं से हम , गोरक्ष से गोनार्द तक का पथ है। साहित्य के इस लोकमंगल पथ की घोषणा पर पुष्कर बाबू, जीतेशकांत पाण्डेय ने हर्ष व्यक्त किया है।
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